चंडीगढ़, 8 जून। हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों और उनके आश्रितों को दी जा रही (Relief) सीमित कैशलैस चिकित्सा सुविधा में अब कोविड-19 बीमारी को भी जोड़ दिया है ताकि कोविड-19 से संबंधित मैडीकल बिलों की प्रतिपूर्ति की जा सकें। उन्होंने बताया कि इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा एक पत्र राज्य के सभी विभागाध्यक्षों, हरियाणा के बोर्ड और निगमों के सभी प्रबंध निदेशकों, राज्य के सभी मंडल आयुक्तों, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी एवं लेखा परीक्षा), सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक, राज्य के सभी सरकारी मैडीकल कालेजों के निदेशकों, राज्य के सभी उपायुक्तों, राज्य के सभी सिविल सर्जनों सहित राज्य सरकार के पैनल में शामिल सभी निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/निदेशक/चिकित्सा अधीक्षकों को जारी किया गया है।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सीमित कैशलेस चिकित्सा सुविधा के तहत पहले से अधिसूचित छह खतरनाक चिकित्सा शर्तों (बीमारियों) के अलावा, प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों/ पारिवारिक पेंशनभोगियों व उनके आश्रितों के लिए भी कोविड-19 बीमारी को शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पैनल में शामिल निजी अस्पताल मौजूदा प्रतिपूर्ति/सीमित कैशलेस/सूचीबद्ध नीतियों, जैसा भी मामला हो, राज्य सरकार द्वारा जारी और समय-समय पर संशोधित के अनुसार शुल्क लगाएंगे। विज ने बताया कि बीमारी के संबंध में प्रदान किए गए उपचार के बिलों को प्रतिपूर्ति के लिए संबंधित विभाग के डीडीओ को प्रस्तुत किया जाएगा।