भगवंत सिंह मान सरकार का लक्ष्य सरकारी स्कूलों को बेहतरीन बनाना: शिक्षा मंत्री
चंडीगढ़, 26 फरवरी:
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मिशन समरथ के नतीजे बहुत उत्साहजनक रहे हैं। वह आज यहाँ महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक ऐडमिनस्ट्रेशन के हॉल में करवाए गए मिशन समरथ सम्बन्धी वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों को बेहतरीन बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों की भर्ती से लेकर स्कूलों की चार दीवारी, सफ़ाई का प्रबंध, फर्नीचर आदि का प्रबंध किया गया है, जिससे स्कूलों का माहौल बदला है, वहीं साथ ही विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के सहयोग से स्कूलों में अच्छे बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के 19,000 स्कूलों में से 18,000 स्कूलों में कोई न कोई काम चल रहा है, किसी स्कूल में चार-दीवारी हो रही है, कहीं नए कमरे बनाए जा रहे हैं या फिर लैब्स को अपग्रेड किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिशों और अध्यापकों की मेहनत के स्वरूप स्कूलों में विद्यार्थियों का पढऩे-पढ़ाने और सीखने-सिखाने के स्तर में वृद्धि दर्ज हो रही है।
इस मौके पर बोलते हुए प्रथम एन.जी.ओ. के सी.ई.ओ. रुकमनी बैनर्जी ने कहा कि हमारा एन.जी.ओ. पिछले 18 साल से पंजाब में काम कर रहा है। हमें इस समय के दौरान कई बहुत ख़ास तजुर्बे हुए हैं, जिनको हमने पूरे देश में लागू किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने स्कूली विद्यार्थियों के अनिवार्य विषयों और गणित में विद्यार्थियों की पढऩे-लिखने की कमज़ोरी को गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में कार्य किया, जिसके आज सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
श्रीमती बैनर्जी ने कहा कि जब मैं पंजाब के अलग-अलग स्कूलों का दौरा करती हूँ तो अध्यापकों द्वारा क्लास रूम में आने वाली दिक्कतों सम्बन्धी बहुत गहराई से चर्चा की जाती है, जोकि उनके अपने पेशे के प्रति समर्पण भावना को दिखाती है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों में प्री-प्राईमरी स्कूलों की शुरुआत करने वाला भी पंजाब देश का पहला राज्य था। मुझे यह उम्मीद है कि प्री-प्राईमरी कक्षाओं के कारण हमें बहुत जल्द मिशन समरथ जैसे प्रयासों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इस मौके पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों को शिक्षा मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया।