मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा निर्देशित सुधार कार्यक्रमों को तेजी से लागू करें ताकि इसके अंतर्गत विकास कार्यों के लिए प्राप्त होने वाली धनराशि का राज्य के हित में समुचित उपयोग किया जा सके।
उन्होंने खनन, परिवहन, शहरी विकास, आवास, वित्त, परिवहन, राजस्व, कृषि विभाग इत्यादि विभागों को एक सप्ताह में SASCI स्कीम के कार्यों का रोड मैप और कार्य योजना विद टाइमलाइन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अधिक महत्व के हैं तथा जो कार्य शीघ्रता से पूरे किए जा सकते हैं ऐसे कार्यों को प्राथमिकता से लेना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जिन विभागों ने स्कीम के तहत विकास कार्यों को पूरा कर लिया है वे तत्काल उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव ने खनन सेक्टर के रिफॉर्म के लिए खनन विभाग को निर्देशित किया कि माइनर मिनरल्स पॉलिसी निर्माण, दुर्लभ और परमाणु संयंत्र के लिए उपयोगी खनिज के सर्वे, स्टार रेटिंग सिस्टम तथा माइनर मिनरल्स ब्लॉक के ऑक्शन इत्यादि में तेजी से अग्रिम कार्रवाई करें।
उन्होंने परिवहन विभाग को EV द्वारा ओल्ड व्हीकल के प्रतिस्थापन, प्रदूषण रहित वाहन को बढ़ावा देने तथा सड़क सुरक्षा और नियंत्रण हेतु इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट डिवाइसेज के उपयोग(ई-चालान जनरेशन, ऑनलाइन ई-चालान डिस्पोजल तथा ऑनलाइन ट्रेफिक मैनेजमेंट इत्यादि) से संबंधित सुधारात्मक कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने राजस्व विभाग और संबंधित विभागों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लैंड रिफॉर्म (लैंड रिकॉर्ड के आधुनिकरण और डिजिटलीकरण) के कार्यों को तेजी से पूरा करने को निर्देशित किया। कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे, वन कृषक आईडी तथा रेवेन्यू कोर्ट का डिजिटलीकरण इत्यादि का कार्य तेजी से पूरा करें।
उन्होंने वित्त और नियोजन विभाग को वित्तीय मैनेजमेंट का आधुनिकीकरण, डिजिटलीकरण और उसको पारदर्शी प्रक्रिया में लाने से संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने को निर्देशित किया। उन्होंने आधार बेस्ट डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।
नियोजन विभाग ने अवगत कराया कि इस वित वर्ष राज्य को अनटाइड फंड से 615 करोड रुपए की धनराशि प्राप्त होगी जबकि अन्य धनराशि की प्राप्ति विभिन्न विभागों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित सुधारात्मक कार्यों की प्रगति पर निर्भर रहेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ रंजीत कुमार सिंहा, शैलेश बगौली, रविनाथ रमन, पंकज कुमार पांडेय, डॉ आर राजेश कुमार, डॉ एस एन पांडेय व दीपक कुमार, अपर सचिव स्वाति भदोरिया, एमडी उत्तराखंड जल विद्युत निगम संदीप सिंघल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।