चंडीगढ़, 28 सितंबर। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस में एक के बाद एक धमाके हो रहे हैं। अब नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा देकर चौंका दिया है।
इसके साथ ही पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस में खलबली मच गई है। सिद्धू के कारण मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसपर प्रतिक्रिया देकर पूरे मामले को और हवा दे दी है।
प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे की खबरें हैं।
सिद्धू ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा और इसमें कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरु होती है। मैं पंजाब के भविष्य को लेकर समझौता नहीं कर सकता हूं। इस लिए मैं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देता हूं।
सिद्धू के बारे में कहा जा रहा है कि वे हाल में चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई में गठित मंत्रिमंडल के गठन में तजरीह न दिए जाने से नाराज थे। उल्लेखनीय है कि चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था और हाल में मंत्रिमंडल गठन भी किया था।
इसके साथ ही प्रदेश इकाई में नाराजगियां बढ़ने लगी थीं। कैप्टन के कार्यकाल में मंत्रिमंडल में रहे कुछ दिग्गज दोबारा से मंत्री न बनाए जाने को लेकर नाराज थे तो जिन कुछ नए चेहरों को जगह मिली, उनको लेकर भी नाराजगी भरा माहौल बना हुआ था।
इधर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि वो (सिद्धू) स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य के लिए फिट नहीं है।
सिद्धू की नाराजगी के गिनाए जा रहे ये कारण
सियासी गलियारों में सिद्धू द्वारा अचानक इस्तीफा दिए जाने को कई कारण गिनाए जा रहे हैं। चल रही चर्चाओं के अनुसार सिद्धू राणा गुरजीत सिंह को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ थे लेकिन, इस मामले में उनकी नहीं सुनी गई। इसी तरह वे उप मुख्यमंत्री बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग दिए जाने के खिलाफ थे। इसी तरह एडवोकेट जनरल के पद पर एपीएस दयोल को बैठाए जाने के खिलाफ थे। वे कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत सिंह नागरा को मंत्री न बनाए जाने से भी नाराज थे। नागरा का नाम फाइनल था लेकिन, अंतिम समय में पत्ता कट गया था। इसी तरह डीजीपी के पद पर नियुक्ति को लेकर भी वे खुश नहीं थे। इसके अलावा मंत्रियों को विभागों के बंटवारे पर वे संतुष्ट नहीं थे और इनमें सबसे अहम वे खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन, इस मामले में उनकी नहीं चली।
खजांची गुलजार इंदर चाहल ने भी दिया इस्तीफा
सिद्धू के बाद जुलजार इंदर चाहल ने भी प्रदेश कांग्रेस के खजांची के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भी अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा।