श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न
चंडीगढ़ ,26 फरवरी – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कौशल शिक्षा जीवन में सबसे बड़ा धन है। उद्योग की सहायता से ही कौशल शिक्षा का पाठ्यक्रम विकसित किया जा सकता है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र में पूरे देश में अभिनव प्रयोग किया है। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू बधाई के पात्र हैं।
राज्यपाल सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल के द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने अपने हाथों से 35 विषयों के 675 विद्यार्थियों को 1200 डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए। साथ ही अपने-अपने विषय में उत्कृष्ट रहे 10 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी दिए। उद्योग, उद्यमिता और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली आठ विभूतियों को मानद उपाधियों से नवाजा गया।
इससे पूर्व , राज्यपाल का दीक्षांत समारोह में पहुंचने पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने भव्य स्वागत किया। दीक्षांत में गाउन पहनने की बजाय विद्यार्थियों और सभी अतिथियों ने सफेद कुर्ते पजामे और छात्राओं ने सफेद सूट और साड़ी पहनकर दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रचनात्मक सोच और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की कर्मठता से अस्तित्व में आया है 1000 करोड रुपए से भी ज्यादा की इस परियोजना का लक्ष्य विद्यार्थियों को कौशल के साथ रोजगार से जोड़ना है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने देश के 116 इंडस्ट्री पार्टनर विश्वविद्यालय के साथ समन्वित करके एक नया मॉडल विकसित किया है। यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण भी है और प्रेरणा भी है। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के इनोवेटिव स्किल स्कूल की भी जमकर सराहना की, जिसमें विद्यार्थियों को नौवीं क्लास से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और ब्लॉक चेन जैसे विषय पढ़ाए जा रहे हैं। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि 85 फीसदी से भी ज्यादा विद्यार्थियों की प्लेसमेंट होगी। साथ ही विद्यार्थी उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर कुलपति डॉ. राज नेहरू एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उद्यमिता विकास के लिए सिडबी के सहयोग से सुपर 30 प्रोग्राम की लॉन्चिंग भी राज्यपाल के हाथों से करवाई।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस अवसर पर कहा कि कौशल विद्या सबसे बड़ा धन है और हम विद्यार्थियों को यहां से धनवान बनाकर भेज रहे हैं। वह दुनिया की सभी चुनौतियों और बेरोजगार के संकट को कौशल की सहायता से परास्त करेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी गई है कि वह समाज में उदाहरण प्रस्तुत करेंगे और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे कुलपति डॉ. राज नेहरू ने आज के इस समारोह में डिग्री, डिप्लोमा मेडल और मानद उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों व विशिष्ट विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को आप पर गर्व है और पूरा विश्वास है कि आप समाज में एक नजीर पेश करेंगे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन के लिए राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय का आभार ज्ञापित किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में उपस्थित रूप आटोमोटिव्स के प्रबंध निदेशक मोहित ओसवाल ने विद्यार्थियों को उद्योग और उद्यमिता के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं देने और उत्कृष्ट के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इससे पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की स्वीकृति से दीक्षांत समारोह प्रारंभ करवाया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आरएस राठौड़, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर निर्मल सिंह, डीन प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव और प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने अपने-अपने संकायों के विद्यार्थियों को डिग्री डिप्लोमा दिलवाने की परंपरा का निर्वाह किया। सभी डीन और विभाग अध्यक्ष पारंपरिक वेशभूषा में केसरिया पगड़ी बांधकर प्रोफेशन का हिस्सा बने।
श्री विश्वकर्मा के कौशल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में 675 विद्यार्थियों को 1200 डिग्री डिप्लोमा प्रदान किए गए। यह डिग्री डिप्लोमा डीजी लॉकर में भी उपलब्ध रहेंगे। विद्यार्थी इनका आवश्यकता अनुसार लाभ ले सकेंगे। इस दीक्षांत समारोह में 35 विषयों के विद्यार्थियों को डिग्री डिप्लोमा प्रदान किए गए। अपने-अपने विषय में उत्कृष्ट रहे 10 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। इनमें विक्रम, अखिलेश कुमार, आरती कुमारी, कोमल, पूजा देवी, कमल किशोर पांडे, पिंकी, पायल, कंचन और कनक के नाम शामिल हैं। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गोल्ड मेडल पाने वाले 10 विद्यार्थियों में सात छात्राएं शामिल हैं। यह बहुत गर्व का विषय है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने मानद उपाधि देने की एक विशिष्ट परंपरा की शुरुआत की है, जिसमें उद्योग, उद्यमिता और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली आठ विभूतियों को मानद उपाधियां प्रदान की गई। उद्यम के क्षेत्र में बीकानेरवाला के डायरेक्टर रमेश कुमार, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मास्टरशेफ रणवीर बरार और जेबीएम ग्रुप के प्रेजिडेंट भारत भूषण गुप्ता को उद्योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया। उद्यम के क्षेत्र में अरविंदर सैनी और बंचारी लोक काव्य के क्षेत्र में शिवचरण के नाम पर मास्टर आफ वोकेशन एंटरप्रेन्योरशिप की मानद उपाधि दी गई। इसी तरह से कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के लिए यमुनानगर के धर्मवीर कंबोज, मिनिएचर पेंटिंग के क्षेत्र में राजस्थान के हनुमान सैनी और लकड़ी की नक्काशी के क्षेत्र में झज्जर के चंद्रकांत को डिप्लोमा इन एंटरप्रेन्योरशिप प्रदान किया गया। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, कुलपति डॉ. राज नेहरू एवं कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने मानद उपाधि प्राप्त करने वाली सभी विभूतियों को बधाई दी।