चंडीगढ़, 23 सितंबर। बारिश से नुकसान के आकलन को विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं।
यह जानकारी प्रदेश के कृषि व किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री जेपी दलाल ने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने मौजूदा बारिश के कारण किसानों की फसलों का खराबा आंकने के लिए तेजी से कदम उठा रही है ताकि गिरदावरी का कार्य जल्द से जल्द पूरा कर किसानों को समय पर मुआवजा दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बागवानी बीमा देश की पहली योजना है, जो किसानों, बागवानी एवं सब्जियों की फसलों को बीमित करेगी।
हिमाचल प्रदेश में केवल सेब के किसानों के लिए बीमा योजना लागू है।
उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि किसान हितैषी सरकार किसानों के लिए निर्णय लेने में कोई संकोच नहीं करती और किसानों को जोखिम फ्री करने और युवाओं को मधुमक्खी पालन, शहद, मशरुम, दुध की प्रोसेसिंग, मछली पालन आदि व्यवसाय से जोड़ने का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8 से 10 प्रतिशत क्षेत्र बागवानी का आता है । इसके लिए कोई बीमा योजना नहीं थी। इस बीमा योजना में 21 फलों, सब्जियों एवं मसाला फसलों को शामिल किया गया है।
मंत्री ने कहा कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारकों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता था।
यह योजना फसलों में अचानक बीमारी फैलने, कीटों के संक्रमण , बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, पाला आदि से होने वाले नुकसान से किसान की भरपाई करेगी।
दलाल ने बताया कि बागवानी का उद्देश्य किसानों को उच्च जोखिम वाली बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना के तहत किसानों को सब्जी एवं मसाला फसलों के 30,000 रुपये और फल वाली फसलों के 40,000 रुपये का बीमा किया गया। इसमें किसानों को केवल 2.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा, जिसमें 750 रुपये और 1000 रुपये ही अदा करने होंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि मुआवजा सर्वेक्षण और नुकसान दावे को 25 से 50, 75 और 100 प्रतिशत चार श्रेणियों में बांटा गया है।
किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करना होगा। इसके बाद सर्वे करके मुआवजे का लाभ दिया जाएगा।
दलाल ने कहा कि सरकार ने शहद उत्पादक किसानों को आधुनिक तौर पर लेबोरेटरी, प्रशिक्षण, शहद की ब्रांडिंग आदि की व्यवस्था करने के लिए भी निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश में 1000-1500 शहद उत्पादन करने वाले किसान तैयार किए जाएगें।
मधुमक्खी पालन करने वाला किसान सरसों की फसल का भी अधिक उत्पादन करेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए 5000 हर हित रिटेल स्टोर खोलने की योजना है। यह स्टोर ग्रामीण क्षेत्र में 150 फीट जगह में खोले जाएगें।
इसके लिए मुद्रा योजना के तहत तीन लाख रुपए का ऋण मुहैया करवाया जाएगा। इसकी बिक्री पर युवाओं को 10 प्रतिशत लाभ मिलेगा और उपभोक्ताओं को सस्ता ब्रांडेड सामान मिलेगा।
उन्होंने बताया कि 1250 आवेदन आए है। इनमें से 150 आवेदकों से एग्रीमेंट हो गया है। आगामी 7 अक्टूबर को 71 हर हित स्टोर खोले जाएगें।
दलाल ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही अढाई से तीन हजार किसानों को मच्छली पालन व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। इससे 7-8 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा पोल्ट्री फार्म, चारे के ब्लाॅक आदि खोलने पर भी युवाओं को सबसिडी दी जा रही है।