देहरादून, 2 जुलाई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी 5 साल में प्रदेश में विद्युत उत्पादन दुगुना करने के लिए तीनों निगमों यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल को समन्वय के साथ कार्य करें। तीनों निगमों को समयबद्धता के साथ परियोजनाओं को पूर्ण करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण की मूल अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन रहा है। उर्जा के क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य करने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षाकाल को ध्यान में रखते हुए सभी ट्रांसफार्मर का सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। राज्य में तेजी से स्थापित हो रहे औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विद्युत उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय जिन लघु जलविद्युत परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उन्हें तेजी पूर्ण किया जाए। सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप के माध्यम से विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार मिले, इस दिशा में और प्रयास किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लोगों को अधिक से अधिक मिले।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नये बिजली घरों के निर्माण तथा ट्रांसमिशन लाइन अपडेट करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। लाइन लॉस को कम करने के लिए भी प्रभावी योजना पर कार्य किये जाने एवं विद्युत लाइनों को भूमिगत किए जाने की योजनाओं पर तेजी से कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 121 मेगावाट. क्षमता की 06 लघु जलविद्युत परियोजनाएं आंवटित की गई हैं, जिनमें से 24 मेगावाट की मेलेखेत और 21 मेगावाट की खुटानी जल विद्युत परियोजना दिसंबर 2026 तक पूर्ण हो जाएंगी, जबकि 22.80 मेगावाट की बर्नीगाड और 06 मेगावाट की रयात जल विद्युत परियोजना पर आगामी दो वर्षों में कार्य आरंभ किया जाएगा। राज्य में पंप स्टोरेज प्रोजक्ट के तहत 200 मेगावाट की लखवाड़-ब्यासी, 150 मेगावाट की ब्यासी- कट्टा पत्थर और 168 मेगावाट की कालागढ़ परियोजना पर प्रारंभिक फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। 01-01 मेगावाट की तिलोथ, खटीमा और ढ़करानी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के तहत विकसित किए जा रहे है।