चंडीगढ़, 21 मई। पंजाब के government schools में पढ़ने वाले 13 लाक से ज्यादा छात्रों को उनके घरों में ही मुफ्त वर्दियां मुहैया करवा दी जाएंगी। इसके लिए पंजाब सरकार ने ग्रांट भी जारी कर दी है।
छात्रों को शर्ट, पैंट, पटका या टोपी, जरसी, जुराबें और जूते दिए जाएंगे और छात्राओं को शर्ट-पैंट या सलवार-कमीज़, जरसी, जूते और जुराबें दी जाएंगी।
प्राथमिक कक्षाओं की छात्राओं के लिए पैंट-कमीज़ वैकल्पिक हैं जबकि अप्पर-प्राईमरी कक्षाओं की छात्राओं के लिए सलवार-कमीज़ मुफ़्त वर्दी के हिस्से के तौर पर अनिवार्य होगी।
यह जानकारी प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने दी।
उन्होंने बताया कि एकेडमिक सैशन 2021-22 के लिए government schools के 13,48,632 छात्रों को उनके घरों में ही मुफ़्त वर्दियाँ उपलब्ध करवाई जाएंगी।
इसके लिए विभाग ने 80.92 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी कर दी है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिलों के एजूकेशन अफसरों को इस संबंध में तेजी से कदम उठाने की हिदायतें भी दे दी गई हैं।
छात्रों को वर्दियों के वितरण दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।
वर्दियों की खरीद के लिए यह फंड ज़िला स्तर से सीधे स्कूल प्रबंधन समितियों (एस.एम.सी.) के खाते में डाले जाएंगे।
सिंगला ने कहा कि घरों तक वर्दी मुहैया करवाने के अलावा किसी भी छात्र को वर्दी का माप देने के लिए स्कूल नहीं बुलाया जायेगा।
बल्कि स्टाफ अभिभावक से संबंधित छात्र का नाप प्राप्त करेगा और दिए गए नाप अनुसार मुफ़्त वर्दियाँ प्रदान करवाई जाएंगी।
उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी के मद्देनज़र प्रत्येक छात्र की दो-दो मास्क मुहैया करवाने के लिए भी कहा गया है।
पहली से 8वीं के और एससी/एसटी/बीपीएल वर्ग के छात्रों को 600 प्रति वर्दी की लागत से मुफ़्त वर्दियाँ दीं जाएंगी।
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बॉक्स
वर्दी खरीद में विभाग के अफसरों का नहीं होगा कोई दखल
सिंगला ने कहा कि बढ़िया क्वालिटी की वर्दी खरीदने के लिए मापदंड पहले ही तय कर लिए गए हैं और वर्दियों की ख़रीद के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और न ही वह किसी भी एसएमसी को किसी विशेष विक्रेता या दुकान से वर्दी की खरीद के लिए कोई जुबानी या लिखित निर्देश जारी करेंगे।मंत्री ने कहा “यदि कोई अधिकारी खरीद प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता हुआ पाया गया तो दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख़्त अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी।“