मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कारागार के पास बने संगीत पाथवे का स्थलीय निरीक्षण किया
श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया
सलारपुर में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की राहत शिविर में लोगों के रहने, साफ-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था, भोजन एवं स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री
लखनऊ : 17 जुलाई, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद वाराणसी में सारनाथ स्थित केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान परिसर में बने सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सलारपुर में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की तथा अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविर में रह रहे लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न होने पाए। लोगों के रहने, साफ-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था, भोजन एवं स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। तत्पश्चात मुख्यमंत्री जी ने केन्द्रीय कारागार के पास बने संगीत पाथवे का भी स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया।
ज्ञातव्य है कि भारतीय चिकित्सा पद्धति की तरह ही बेहद पुरानी और प्रमाणिक चिकित्सा पद्धति ‘सोवा रिग्पा’ मूलतः तिब्बत में ही विकसित हुई है। यह दुनिया की पुरानी और प्रमाणिक चिकित्सा पद्धति है। 7वीं से 8वीं शताब्दी के समय में तिब्बत के राजाओं की ओर से इस पद्धति को विस्तार देने के लिए इण्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस करायी गई थी, जिसमें पर्सिया, चाइना, तिब्बत समेत कई देशों के चिकित्सा विद्वान शामिल हुए थे। तिब्बती चिकित्सा पद्धति चीन के कई प्रान्तों में, मंगोलिया, रूस, नेपाल, भारत समेत कई देशों तक ये चिकित्सा पद्धति फैली हुई है।
सोवा रिग्पा की पारम्परिक थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों ही समृद्ध हैं, जो क्लीनिकल पद्धति पर आधारित हैं। इसकी करीब आठ हजार से दस हजार कृतियां प्रकाशित हुई हैं। साथ ही, इससे सम्बन्धित तीन से चार हजार ग्रंथ हैं। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों की वजह से 93 करोड़ रुपये की लागत से इस अस्पताल का निर्माण भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ में सम्भव हुआ है। 100 बेड के इस अस्पताल में ज्योतिष कन्सल्टेण्ट सहित 06 कन्सल्टेण्ट रूम, एक बड़ा वेटिंग हॉल, अत्याधुनिक इमरजेंसी, इण्टेन्सिव केयर यूनिट, ऑपरेशन थिएटर, इनडोर पेशेण्ट, थेरेपीज, फार्मेसी, क्लास रूम, लाइब्रेरी, म्यूजियम, लैब, हरबेरियम और नक्षत्र शाला के अलावा, कई सहायक विभाग और कई जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
उल्लेखनीय है कि फुलवरिया तिराहा से सेण्ट्रल जेल की दीवार के पैरलल शिवपुर में लगभग डेढ़ किलोमीटर लम्बाई क्षेत्र में 15 फीट चौड़े बन रहे इस संगीत पाथवे का लगभग 90 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। इस संगीत पाथवे पर देश-विदेश में मशहूर बनारस घराने के प्रसिद्ध संगीतज्ञों के चित्र बने हैं तथा उनके जीवन चरित्र अंकित हैं। इसके अलावा, यहां पर शहनाई, तबला आदि वाद्य यंत्र लगाए गए हैं।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।