चंडीगढ़, 15 दिसंबर 2024- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि बच्चे राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं और कल का भविष्य देश के बच्चों पर निर्भर करता है। हमारे बच्चे जितने सक्षम होंगे देश उतना ही तेजी से प्रगति की राह पर अग्रसर होगा। आज का युग ज्ञान का युग है और इस युग में वही देश और प्रदेश आगे बढ़ता है जो अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है।
राज्यपाल रविवार को गांव खातीवास स्थित संस्कारम पब्लिक स्कूल के नौवें वार्षिकोत्सव एवं पारितोषिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इससे पहले संस्थान के चांसलर डॉ महिपाल ने माननीय राज्यपाल का स्वागत करते हुए संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि समाज से गरीबी और असामनता को मिटाने के लिए शिक्षा सबसे बड़ी दवा है। शिक्षा से ही बदलाव संभव है, प्रत्येक माता पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए महान नागरिक बनाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के विद्यार्थी देश के लिए रोल मॉडल बने। देश का भविष्य बच्चों पर निर्भर करता है,बच्चे जितने सक्षम होंगे, देश उतना की तरक्की करेगा।
उन्होंने कहा कि संस्कारम स्कूल में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति का भी ज्ञान प्राप्त हो रहा है। हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति एवं धरोहर को जीवंत रूप दिया जा रहा है।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता आपकी लगन और मेहनत है। जीवन में सफलता का कोई शॉर्टकट नही हो सकता, इसलिए जरूरी है कि आप लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए दिन-रात एक कर दें। उन्होंने कहा कि लक्ष्य निर्धारण से लेकर लक्ष्य प्राप्ति तक का सफर बिना गुरु के सानिध्य और मार्गदर्शन संभव नहीं हो सकता।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता आपकी लगन और मेहनत है। जीवन में सफलता का कोई शॉर्टकट नही हो सकता, इसलिए जरूरी है कि आप लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए दिन-रात एक कर दें। उन्होंने कहा कि लक्ष्य निर्धारण से लेकर लक्ष्य प्राप्ति तक का सफर बिना गुरु के सानिध्य और मार्गदर्शन संभव नहीं हो सकता।
दत्तात्रेय ने कहा कि संस्कारम समूह ने हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर शिक्षा के साथ शोध कार्य को भी बढ़ावा देते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल पढ़ाई नहीं है अपितु सही मायने में शिक्षा का अर्थ विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास होता है। जिसमें शैक्षणिक विकास, शारीरिक विकास, नैतिक मूल्यों का विकास, सांस्कृतिक विकास, विद्यार्थी के आचरण के साथ-साथ भविष्य में आने वाली कठिनाइयों के लिए विद्यार्थी का तैयार करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि यह नीति गेम चेंजर है, इससे नैतिक मूल्यों पर आधारित रोजगारपरक शिक्षा मिलेगी। उन्होंने संस्थान के खेल,शिक्षा,नीट, जेई ई,एनडीए,सीएस,सीए,कलेट आदि परीक्षाओं में अग्रणी मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए संस्थान प्रबंधन को भी बधाई दी।
उन्होंने कहा कि संस्कारम शिक्षण संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी इंजीनियरिंग व मेडिकल के क्षेत्र में देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में दाखिला लेने के साथ-साथ खेलों में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं। जो फिर से एक बार दर्शाता है कि संस्थान अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है।