चंडीगढ़, 27 जुलाई। हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने पानीपत के आर्य महाविद्यालय के सभागार में जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में आज बतौर मुख्य अतिथि कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश भर में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव व सुधार हुआ है। सरकार का लक्ष्य शिक्षा क्षेत्र में प्रदेश को जीरो ड्रॉप आउट बनाने का है व इस पर बेहतरीन तरीके से कार्य हो रहा है। वर्तमान में साढ़े 14 हजार सरकारी स्कूलों में 25 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह सरकार के प्रति अभिभावकों के भरोसे का परिणाम है।
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा लगाई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया व बच्चों व जिला स्तरीय स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों को भी सम्मानित किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि जिन सरकारी स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने में संकोच करते थे, आज उन स्कूलों के बच्चे आईआईटी में प्रवेश पा रहे हैं। यह अभिभावकों के सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़े विश्वास का परिणाम है।
शिक्षा मंत्री ने सोनीपत के मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में संबोधित किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे सभी मूलभूत सुविधाएं सरकारी स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है जो निजी स्कूलों में मिलती हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान प्रदेश में अध्यापकों को टैब मुहैया कराने वाला हरियाणा पहला राज्य है। आज प्रदेश में बच्चे आधुनिक श्क्षिा के साथ जुडकऱ अपना भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं। प्रदेश में राज्य सरकार की सुलभ नितियों के कारण लोगों को सस्ता इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वे 11 दिन में 22 जिलों को कवर करेंगी व अभिभावकों को शिक्षा के प्रति इन कार्यक्रमों में जागरूक करेंगी। उन्होंने कई अभिावकों से शिक्षा के क्षेत्र को और कैसे अच्छा बना सकते हैं, के सुझाव मांगे। शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में किचन , शेड व रसोई बनाने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान पंचायत, विकास एवं सहकारिता मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि वर्तमान सरकार में अभिभावकों का रुझान सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सौ में से 80 सफल व्यक्ति सरकारी स्कूलों में पढें है यह गर्व की बात है। अब स्कूलों के वातावरण में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पहले शिक्षा का बजट 8 हजार 398 करोड़ होता था जबकि अब 17 हजार करोड़ से ज्यादा है।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जिला में 10 स्कूलों को अपग्रेड किया है। इसका लाभ गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चों को मिल रहा है। जिले में 27 स्कूलों को हाई टेक किया जा रहा है। पहले सरकारी स्कूलों के 40 प्रतिशत अध्यापक ट्रांसफर के लिए जारे लगाते थे जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी।