भगवंत सिंह मान ने खूनदान को मानवता की सबसे बड़ी सेवा बताया
सतौज (संगरूर), 17 अक्टूबरः
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज अपने पैतृक गाँव में जन्म दिन मनाया और बड़ी संख्या में नौजवानों ने ख़ूनदान करके शिरकत की।
पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने ख़ूनदान को सबसे बड़ी सेवा बताते हुये कहा कि इस प्रयास से हरेक व्यक्ति अपना योगदान डाल सकता है जिससे कई कीमती जानें बचाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के नौजवानों ने हरेक क्षेत्र में शानदार काम किया है जिस कारण ख़ूनदान करने में भी नौजवानों के पीछे रह जाने की कोई वजह नहीं बनती। उन्होंने कहा कि ख़ूनदान करना मानवता की सच्ची सेवा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ख़ुशी की बात है कि आज बड़ी संख्या में नौजवान ख़ूनदान करन के लिए आगे आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेक नौजवान को यह एहसास होना चाहिए कि हर ख़ूनदानी एक नायक है जिस कारण उनको समय- समय बाद ख़ूनदान करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नौजवानों को यह भी अपील की कि वह अपने साथियों को समय-समय सिर स्वैच्छा के साथ ख़ूनदान करने के लिए प्रेरित करें जिससे आम इलाज ख़ास कर एमरजैंसी इलाज के लिए ख़ून के ज़रुरी भंडारण को यकीनी बनाया जा सके। भगवंत सिंह मान ने बताया कि किसी व्यक्ति की तरफ से दान की गई ख़ून की एक बूँद भी किसी मानव की जान बचा सकती है, जिस कारण ख़ूनदान करना बहुत महत्ता रखता है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब विधान सभा का आगामी सैशन कानूनी तौर पर पूरी तरह जायज़ है। उन्होंने कहा कि 20 और 21 अक्तूबर को होने वाला सैशन कानूनी माहिरों के साथ सलाह मशवरा करने के बाद और भारत के संविधान के अनुसार ही बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय सैशन के दौरान कई जनहितैषी बिल पेश किये जाएंगे जो राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विधान सभा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई संस्था है जो सिर्फ़ राज्य के लोगों को जवाबदेह है न कि किसी व्यक्ति की मनमर्ज़ी अनुसार चलनी है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में धान की पराली को आग लगाने के रुझान को रोकने के लिए पहले ही कई पहलकदमियां की हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो कई प्रगतिशील किसानों ने धान की पराली के उचित प्रबंधन की मिसाल कायम की है और दूसरी तरफ़ राज्य सरकार ने पंजाब में चल रहे लगभग 2500 भट्टों में ईंधन के तौर पर 20 प्रतिशत कोयले को धान की पराली की गट्टों के साथ बदलने को नोटीफायी किया है। इसी तरह भगवंत सिंह मान ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले धान की पराली के प्रबंधन के लिए 23, 000 और मशीनें किसानों को दीं गई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अगले कुछ दिनों तक पराली जलाने के खतरे को रोकने के लिए सख़्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार मंडियों में धान की फ़सल की निर्विघ्न खरीद प्रक्रिया को यकीनी बनाने के साथ-साथ अपने- अपने जिलों में इसकी तुरंत लिफ्टिंग के लिए भी वचनबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने यह यकीनी बनाने के लिए पहले ही पुख़्ता प्रबंध किये हैं कि किसानों की फ़सल की ढुलाई दाना मंडियों में से निर्विघ्न, समय पर और बिना किसी रुकावट के हो सके। उन्होंने राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराया कि किसानों को अपनी फ़सल बेचते समय किसी किस्म की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
विरोधी पक्ष के नेताओं की तरफ से एक नवंबर को होने वाली बहस में अपने बुरे गुनाहों का पर्दाफाश होने के डर से भागने की आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने अलग-अलग मुद्दों पर पंजाब के साथ सरासर धोखा किया है जिसके लिए वह राज्य के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लोगों को लूटा और पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सत्य है कि इन नेताओं के हाथ पंजाब और पंजाबियों के ख़ून के साथ रंगे हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी कारण ही वह लोगों का सामना करने से डरते हैं और एक नवंबर को बहस से भागने का कोई न कोई बहाना बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से बुधवार को पवित्र शहर अमृतसर से नशों के विरुद्ध निर्णायक जंग की शुरुआत की जा रही है, जिसके अंतर्गत राज्य भर के हज़ारों नौजवान श्री हरिमन्दिर साहिब में नतमस्तक होकर पंजाब में से नशों का मुकम्मल सफाया करने का संकल्प लेंगे। उन्होंने कहा कि नशों के विरुद्ध मुहिम ज़मीनी स्तर से शुरू की गई है और लोगों के पूर्ण सहयोग से राज्य में से इस बीमारी को ख़त्म कर दिया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक तरफ़ तो नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे डालकर नशों की सप्लाई लाईन बंद की जा रही है और दूसरी तरफ़ नशा पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास की तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप पंजाब में सेहत क्रांति का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में नये मैडीकल कालेज खोल कर पंजाब को मैडीकल शिक्षा के केंद्र के तौर पर उभारने के इलावा लोगों को मानक सेहत सेवाएं प्रदान की जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम लोगों की सुविधा के लिए राज्य भर के अस्पतालों और सेहत देखभाल केन्द्रों का बड़े स्तर पर कायाकल्प किया जा रहा है।