चंडीगढ़, 11 नवंबर। पंजाब विधानसभा में आज three agricultural laws के खिलाफ प्रस्ताव पेश कर दिया गया।
प्रस्ताव पेश करते हुए three agricultural laws को संघीय ढांचे पर हमला करार दिया गया।
इसे पेश करते हुए किसानी की रक्षा करते हुए इन कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग की गई।
कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने Punjab Vidhansabha के विशेष रूप से बुलाए गए सत्र में यह प्रस्ताव पेश किया।
सत्र के दौरान चिंता ज़ाहिर की गई कि राज्यसभा में बिलों के पास होने पर विरोधी पक्ष की मांग को स्वीकार नहीं की गई थीं।
three agricultural laws के खिलाफ प्रस्ताव में यह कहा गया
प्रस्ताव में कहा गया है कि समवर्ती सूची की एंट्री 33 व्यापार व वाणिज्य संबंधित हैं और कृषि न तो व्यापार और न ही वाणिज्य है।
किसान न तो व्यापारी हैं और न ही व्यापारिक गतिविधियों में शामिल हैं।
किसान सिर्फ़ काश्तकार होते हैं।
यह अपनी उपज को एपीएमसी मंडी में MSP पर या व्यापारी द्वारा तय कीमत पर बेचने के लिए लाते हैं।
प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र ने इस पूरे मामले की गलत व्याख्या की है।
केंद्र को याद दिलाया गया कि एपीएमसी एक्टों की संवैधानिक वैधता और मंजूरी है।
यह राज्य के कानून हैं जो इस धारणा के अधीन बनाए गए हैं कि कृषि और कृषि मंडीकरण राज्य का विषय है।
सदन का यह विशेष सत्र केंद्र सरकार को याद दिलाता है कि 86 % किसानों के पास बहुत थोड़ी ज़मीन है।
केंद्र सरकार इन three agricultural laws के जरिए उनकी जमीनों को छीनकर कारपोरेट के लिए रास्ता बना रही है।
प्रस्ताव में कहा गया कि सीमांत व छोटे किसानों के हितों की रक्षा की जाए।
सुझाए गए विशेष कानून में किसानों को कानूनी गारंटी प्रदान करनी चाहिए।
यह गारंटी की उपज की खरीद MSP से कम कीमत पर नहीं की जाएगी।
इसके अलावा एमएसपी से कम कीमत पर कृषि उपज की खरीद करना अपराध होगा।
पंजाब विधानसभा मांग करती है कि सभी फसलों के लिए एमएसपी पर खरीद लाज़िमी होनी चाहिए।
व्यापक लागतों को ध्यान में रखते हुए एमएसपी तय किया जाना चाहिए।