चंडीगढ़, 10 जुलाई। पंजाब की कांग्रेस सरकार की ओर से प्रदेश के उद्योगों को अपने अपने कारोबार बंद रखने के लिए तानाशाह आदेश की आलोचना करते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पी.एस.पी.सी.एल की गलती के कारण बिजली की हुई कमी का हर्जाना पंजाब के व्यापारी और किसान भर रहे हैं, क्योंकि बिजली न आने के कारण जहां उद्योगों को 6 हज़ार करोड़ का नुक्सान हुआ है, वहीं किसानों को धान के लिए महंगे मूल्य का डीजल खरीदना पड़ रहा है।
चीमा ने कहा कि गर्मी के सीजन में पंजाब की कैप्टन सरकार बिजली की पूर्ति करने में फेल साबित हुई है। न किसानों को 8 घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई मिली है और न ही उद्योगों को। चीमा ने दोष लगाया कि सूबे में बिजली का प्रबंध करने की बजाए कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार भगवान भरोसे बैठी है कि भगवान बारिश करेंगे और बिजली की मांग कम हो जायेगी, परन्तु एक सूबे की सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने और लोगों की समस्याओं के हल करने में फेल साबित हुई है।
चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार हर रोज़ उद्योगों को उत्पादन बंद रखने का फरमान जारी कर रही है, जिस कारण अब तक उद्योगों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार उद्योगों के साथ धक्केशाही वाला व्यवहार कर रही है, जिस को आम आदमी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ने उद्योगों के लिए जल्दी ही बिजली सप्लाई का प्रबंध न किया तो आम आदमी पार्टी उद्योगपतियों और व्यापारियों के हक़ों में सड़कों पर उतरेगी।
बिजली की कमी के लिए अकाली भाजपा सरकार की तरफ से प्राइवेट पावर प्लांट के साथ किये गए समझौतों को जिम्मेदार करार देते चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट मीटिंग में बादलों की ओर से किए पंजाब विरोधी बिजली समझौते रद्द किये जाएंगे। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि कोरोना महामारी की मार बर्दाश्त कर रहे सूबे के उद्योगों को बिजली की लगातार सप्लाई का प्रबंध किया जाए जिससे सूबे की आर्थिकता को मजबूती मिल सके।