चंडीगढ़, 9 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए विश्वविद्यालय स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू करने की दिशा में काम करें, इससे बड़ा लाभ होगा। बेशक इसमें समय लगेगा लेकिन परिणाम सुखद रहेगा।
राज्यपाल ने राजभवन में प्रदेशभर के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कुलसचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने शिक्षाविदों से अपील की है कि विश्वविद्यालय व्यापार का केंद्र न बनें।
राज्यपाल ने कहा कि पैसा सब कुछ नहीं है, शिक्षण एक सम्मानित कार्य है इसलिए इसका व्यापारीकरण नहीं होना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन की तरफ कदम बढ़ाने के लिए निजी विश्वविद्यालयों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट काल में सबसे अधिक मार शिक्षा के क्षेत्र पर पड़ी है।
फिर भी इस चुनौती को पार करते हुए हम आगे बढ़े हैं। डिजिटल कम्यूनिकेशन के माध्यम से छात्रों ने पढ़ाई की और इसमें शिक्षण संस्थानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मालिक बनने की भावना पैदा करें
राज्यपाल ने शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालयों में ऐसा माहौल बनाए कि छात्रों में नौकरी के पीछे भागने की बजाए अपना व्यवसाय शुरू करने की भावना पैदा हो।
राज्यपाल ने शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालयों में ऐसा माहौल बनाए कि छात्रों में नौकरी के पीछे भागने की बजाए अपना व्यवसाय शुरू करने की भावना पैदा हो।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को स्किल डेवलेपमेंट के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है।
अपने एक संस्मरण को बताते हुए उन्होंने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ श्रम मंत्री थे तो उनकी प्रधानमंत्री से घंटों मंत्रणा हुई। इसके बाद अलग से कौशल विकास विभाग का गठन किया गया।
उन्होंने कहा कि स्थानीय और आवश्यकता आधारित कौशल विकास की योजना बनाकर काम करें।
कृषि पर आधारित कौशल विकास पर फोकस करने का आग्रह करते हुए कहा कि इसमें भी प्राकृतिक खेती पर ज्यादा बल देना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने फूड, स्वास्थ्य और छोटे-छोटे स्किल डेवलेपमेंट के कोर्स की तरफ फोकस करने को कहा।
उन्होंने गांवों के युवकों को आधार मानकर कौशल विकास को चिन्हित करने व विश्वविद्यालयों को रिसर्च, स्टार्टअप और इनोवेशन पर विशेष फोकस करने के लिए आह्वान किया।
कम से कम 1 घंटा स्पोर्टस जरुरी
राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों में भी खेलों की तरफ ध्यान देने की योजना बनाएं। हर विद्यार्थी की दिनचर्या में कम से कम 1 घंटा खेल जरुर शामिल होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों में भी खेलों की तरफ ध्यान देने की योजना बनाएं। हर विद्यार्थी की दिनचर्या में कम से कम 1 घंटा खेल जरुर शामिल होना चाहिए।
विश्वविद्यालयों को फिट इंडिया प्रोग्राम में भी हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए। विश्वविद्यालयों का माहौल नशामुक्त हो और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों का अधिक से अधिक ध्यान रखना चाहिए।
निजी विश्वविद्यालय मनाए आजादी का अमृत महोत्सव
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में युवाओं को स्वाधीनता संग्राम की अधिक से अधिक जानकारी हो इसके लिए आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सेमिनार व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन कराएं।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में युवाओं को स्वाधीनता संग्राम की अधिक से अधिक जानकारी हो इसके लिए आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सेमिनार व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन कराएं।
उन्होंने शिक्षाविदों को आजादी से जुड़े अच्छे आर्टिकल, निबंध प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने विद्यार्थियों को सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित करने के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा कराने का सुझाव दिया।
लड़कियों के लिए हो अच्छा माहौल
राज्यपाल ने कहा कि आज लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और अव्वल आ रही हैं इसलिए विश्वविद्यालयों में लड़कियों के लिए अच्छा माहौल होना चाहिए। राज्यपाल ने गरीब परिवारों की लड़कियों को विशेष सहायता देने के लिए कहा।
राज्यपाल ने कहा कि आज लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और अव्वल आ रही हैं इसलिए विश्वविद्यालयों में लड़कियों के लिए अच्छा माहौल होना चाहिए। राज्यपाल ने गरीब परिवारों की लड़कियों को विशेष सहायता देने के लिए कहा।
उन्होंने शिक्षकों को विद्यार्थियों की तकलीफों को टालने की बजाए उन्हें सुनकर समाधान निकालने का आग्रह किया। इस मौके पर उच्च शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री चंद्रशेखर खरे, राज्पाल के सचिव अतुल द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।