चंडीगढ़, 5 अगस्त। हरियाणा के स्वास्थ्य, आयुष एवं नागरिक उड्डïयन मंत्री डॉ. कमलगुप्ता ने सिविल अस्पताल, चरखीदादरी, फर्स्ट रेफरल यूनिट-2, सेक्टर-3,फरीदाबाद, उप जिला अस्पताल, नरवाना, जिला जींद और उप जिला अस्पताल, सोहाना, जिला गुरुग्राम में सरकारी स्वास्थ्यसुविधाओं में स्थापित 4 विशेष नवजात देखभाल इकाइयों(एसएनसीयू) का उद्घाटन किया।
गुप्ता ने आज चंडीगढ़ में अपने कार्यालय से चार जिलों में विशेषनवजात देखभाल इकाइयों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर परस्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं भी दी।
उद्घाटन समारोह केदौरान स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल भी मौजूद थे।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहाकि हरियाणा में पहले 24एसएनसीयू थी, आज नए चार एसएनसीयू के उद्घाटन के बाद कुल 28 एसएनसीयू हो गए हैं जो कि हमारे लिए बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहाकि शिशु मृत्यु दर को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हरियाणा की शिशु मृत्युदर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 28 हैजो 2013 (एसआरएस 2013 के अनुसारआईएमआर-41) से 13 अंकों की उल्लेखनीयकमी आई है। नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 26 (एसआरएस 2013)से घटकर 19 (एसआरएस 2020) हो गई है। राज्य में एसएनसीयू, नवजात स्थिरीकरणइकाइयों (एनबीएसयू) और एनबीसीसी के तेजी से बढ़ने से नवजात मृत्यु दर में कमी आईहै। विशेष नवजात देखभाल इकाइयों में प्रति वर्ष बहुत अधिक संख्या में बीमार नवजातशिशु भर्ती होते हैं। भर्ती होने वाले कुल नवजात शिशुओं में से 50 प्रतिशत कम वजन के होते हैं। प्रत्येक एसएनसीयू बीमार नवजात को भर्ती,दवा, जांच, मां के लिएमुफ्त आहार, मुफ्त एम्बुलेंस सेवाओं के रूप में मुफ्त सेवाएंप्रदान करता है।
स्वास्थ्य मंत्री नेकहा एसएनसीयू में इन नवजात शिशुओं को रेडिएंट वार्मर, फोटोथेरेपी, माइक्रो,अल्ट्रा केयर यूनिट, मल्टी पैरा मॉनिटर,ऑक्सीजन वितरण उपकरण आदि की मदद से विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जातीहैं। समय से पहले जन्मे नवजात शिशु, कम वजन वाले(एलबीडब्ल्यू) बच्चे, जन्म के समय श्वासावरोध, संक्रमण, नवजात पीलिया, जन्मजातविसंगतियों आदि से पीड़ित नवजात शिशुओं का इन एसएनसीयू में दाखिल किया जाता है।
गुप्ता ने कहा किएसएनसीयू निश्चित रूप से पहले से मौजूद एसएनसीयू पर बोझ कम करने में मदद करेंगे।भर्ती नवजात शिशुओं की एसएनसीयू से छुट्टी के बाद नियमित फॉलो-अप विजिट भी होतीहै। न केवल सुविधा आधारित सेवाएं बल्कि एएनएम/आशा द्वारा की जाने वाली समुदायआधारित सेवाओं ने भी एनएमआर को नीचे लाने में मदद की है। राज्य सभी नवजात शिशुओंको गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकेअलावा, सभी माताएं और उनके नवजात शिशुजल्दी स्वस्थ हों, खुश हों और ठीक होकर अपने घरो को लौटे।
इस अवसर पर राष्ट्रीयस्वास्थ्य मिशन, हरियाणाके मिशन निदेशक डॉ. आदित्य दहिया, महानिदेशक स्वास्थ्यसेवाएं डॉ. जे.एस. पुनिया, डीजीएचएस-॥ डॉ. मनीष बंसल,एनएचएम के महानिदेशक डॉ. राजीव बिष्ट, एनएचएमके अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. कुलदीप तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठïअधिकारी भी मौजूद थे।