गुरुग्राम, 16 अगस्त। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने गन्नौर में बनाए गए waste to energy plant का गुरुग्राम से वर्चुअली उदघाटन (Virtually Opening) किया।
प्लांट में सोनीपत व पानीपत कलस्टर के कचरे का निस्तारण (disposal) होगा और साथ ही बिजली भी पैदा होगी।
उन्होंने गुरुग्राम के लिए एक बड़ी पेयजल आपूर्ति परियोजना का भी लोकार्पण किया।
गन्नौर waste to energy plant में रोज होगा 750 टन कचरे का disposal
सोनीपत व पानीपत कलस्टर के लिए गन्नौर (Ganaur) में बनाए गए ‘waste to energy plant की लागत 176.87 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड (PPP mode) पर बने प्लांट में रोजाना 750 टन कचरे का निस्तारण होगा।
वहीं इससे 8 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा जो ग्रिड को दी जाएगी।
इसका कंसेशनेयर जेबीएम एनविरो है और प्रोजेक्ट की कंसेशन अवधि 22 वर्ष है।
इस प्लांट में सोनीपत तथा पानीपत जिलों के स्थानीय निकायों के कचरे का निस्तारण किया जाएगा।
गन्नौर के इस प्लांट में सन् 2035 तक 750 टन कचरे का रोजाना निस्तारण होगा।
कंसेशनेयर ने दावा किया कि waste to energy plant की साइट पर कचरा इकट्ठा नहीं होगा।
बल्कि साथ साथ ही उसका निस्तारण किया जाएगा तथा वहां किसी प्रकार की बदबू भी नहीं आएगी।
3.80 लाख लोगों को मिलेगा स्वच्छ पेयजल
सीएम ने GMDA (जीएमडीए) की water supply project (जलापूर्ति परियोजना) का उद्घाटन भी किया।
इससे गुरुग्राम के सेक्टर-81 से लेकर सेक्टर-99 तक रहने वाले लगभग 3 लाख 80 हजार लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलेगा।
इससे पहले जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल ने बताया कि सेक्टर-81 से 99 में 229 लाइसेंस दिए गए थे।
इनमें से 56 लाइसेंस में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी दे दिया है।
ये कंपनियां फिलहाल टैंकर के पानी पर निर्भर थीं।
आज इस जलापूर्ति परियोजना की शुरुआत होने से उन्हें नहरी आधारित पानी की आपूर्ति होगी।
इस परियोजना पर 76.21 करोड़ रूपये खर्च आया है।
जीएमडीए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है कि लोग बिना आरओ लगाए भी सीधे नल से पानी पी सकते हैं।
बशर्तें कि उनकी अंदरूनी पाइप लाइनें साफ हों।
सैक्टर-58 से 115 तक के क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति का कार्य तीन पैकेज में किया जा रहा है।