चंडीगढ़, 14 दिसंबर। हरियाणा में एतिहासिक स्मारकों (historical monuments) व सांस्कृतिक विरासतों (cultural heritage) को सहेजा जाएगा।
(historical monuments and cultural heritage will be saved in Haryana.)
यह कवायद प्रदेश में टूरिज्म (Tourism) को बढ़ावा देने के लिए की जाएगी।
इसका खुलासा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दी।
वे राजभवन आए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी से बैठक कर रहे थे।
हरियाणा में है historical monuments व सांस्कृतिक विरासतों का भंडार
राज्यपाल ने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश में कई historical monuments व सांस्कृतिक विरासतों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने वाली केंद्र की योजनाओं और कार्यक्रमों का सहयोग लिया जाएगा।
इससे प्रदेश में पर्यटक और अधिक आकर्षित होंगे।
उन्होंने कुरुक्षेत्र की विश्व में पहचान कायम करने को महाभारत की घटनाओं व गीता उपदेशों के आधार पर पैनोरमा व्यू की वकालत की।
इसके साथ-साथ ज्योतिसर में भारतीय संस्कृति व गीता से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर व अन्य तीर्थों, महाभारत से जुड़ी घटनाओं को शिल्प के रूप में दिखाने से आकर्षण बढ़ेगा।
इस दौरान रेड्डी ने बताया कि हरियाणा में केन्द्र के सहयोग से कई परियोजनाएं लागू की गई हैं।
(Reddy informed that many projects have been implemented in Haryana with the help of the Centre.)
श्री कृष्णा सर्किट (Shri Krishna Circuit) को विकसित किया जा रहा है।
इसके अलावा श्रीमाता मनसा देवी व नाडा साहिब जैसे तीर्थ स्थानों के लिए पर्यटन मंत्रालय ने 49.51 करोड़ मंजूर किए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से पर्यटन विकास में भारी नुकसान हुआ है।
अब विभाग ने ‘कोरोना भगाओ और टूरिजम बढ़ाओ’ अभियान शुरू किया है।
इसी उद्देश्य से शीघ्र ही संसद (Parliament) में पर्यटन बिल (tourism bill) लाया जा रहा है।
आजादी के बाद पर्यटन के क्षेत्र को नई दिशा देने वाला यह पहला बिल होगा।
इस बिल के पास होने से पूरे देश में पर्यटन के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं बढ़ेंगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा, पर्यटन से जुड़ी जो भी योजना भेजेगा, उसे मंजूर किया जाएगा।