चंडीगढ़, 9 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्ष 2015 में पानीपत की ऐतिहासिक भूमि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की नींव रखी थी और आज इसी धरा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बीमा सखी योजना’ के रूप में महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। इस नई शुरुआत से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और विकसित भारत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करेंगी। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के मुख्य कैम्पस का शिलान्यास करने के लिए भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
पानीपत में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल, हरियाणा की कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी और कुमारी आरती सिंह राव मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से लगभग 9 वर्ष पहले जब आपने 22 जनवरी, 2015 को पानीपत की इसी ऐतिहासिक भूमि से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का शुभारंभ किया था। इस अभियान की बदौलत हरियाणा में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह गर्व की बात है कि अब हरियाणा में लिंगानुपात की दर 871 से सुधरकर 916 हो गई है।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ने हरियाणा की तस्वीर को ही बदल दिया। आज का हरियाणा महिला सशक्तिकरण का स्वर्णिम उदाहरण बन चुका है। इसी का परिणाम है कि महिलाओं से जुड़ी योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने हरियाणा से किया है। उन्होंने हरियाणा प्रदेश की जनता की ओर से विश्वास दिलाया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की तरह ‘प्रधानमंत्री बीमा सखी योजना’ को भी हम सफल बनाएंगे।
सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर भारत को विकसित करना है, तो वह तब होगा, जब इस देश की 50 प्रतिशत जनसंख्या, जोकि नारी शक्ति है, यह सक्षम होगी, अगर वह देश की मुख्यधारा में आगे आए और देश की अर्थव्यवस्था का भाग बनती है, तो इस देश का विकास निश्चित है। इसी दिशा में केंद्र और राज्य सरकार लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए योजनाएं चला रही है।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के चार स्तम्भ माने हैं। महिलाएं उनमें से एक हैं। इसलिए भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें विधानपालिका में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है। इसी से प्रेरणा प्राप्त कर हरियाणा सरकार ने भी महिलाओं के उत्थान के लिए और भी ठोस कदम उठाये हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश में 5 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य दिया है। अब तक 1 लाख 45 हजार 773 महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। इसके अलावा, ‘नमो ड्रोन दीदी’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में 500 स्वयं सहायता समूहों की 5 हजार महिलाओं को ड्रोन पायलट का मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि बेटियों को घर के नजदीक ही उच्चतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर 20 किलोमीटर के दायरे में कॉलेज खोले गए हैं। पिछले 10 वर्षों में 77 सरकारी कॉलेज खोले गये हैं। इनमें 32 कॉलेज केवल लड़कियों के हैं। इतना ही नहीं, ‘हर-घर गृहिणी योजना’ में गरीब परिवारों को हर महीने केवल 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। अब तक 56 हजार महिला स्वयं सहायता समूह बनाये गये हैं, जिनसे 6 लाख 50 हजार महिलाएं जुड़ी हैं। राशन डिपो के आवंटन में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के कल्याण के लिए भी प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए हैं और रोजगार व कौशल विकास के कार्यक्रम चलाये हैं। अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही राज्य सरकार ने बिना पर्ची खर्ची के 26 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी हैं। अब तक 1 लाख 71 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी हैं। उन्होंने गत 29 अक्तूबर को रोजगार मेले में हरियाणा की इस पहल की सराहना करने के लिए प्रधानमंत्री का विशेष धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन पर चलते हुए गरीबों के इलाज के लिए भी अनेक योजनाएं चलाई हैं। किडनी रोगियों के लिए सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त डायलिसिस सेवाएं शुरू की हैं। साथ ही, 70 साल से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज सुविधा शुरू की है। उन्होंने कहा कि हम विकसित भारत बनाने में हरियाणा के अधिकतम योगदान के लिए कृतसंकल्प हैं। इसी संकल्प के तहत प्रधानमंत्री बीमा सखी योजना में भी हम अपना अधिकतम योगदान करेंगे।