चंडीगढ़, 17 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल व कुलाधिपति एसवीएसयू बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि युवा वर्ग अपना कौशल इतना विकसित करें कि वे नौकरी देने वाले बने, न की नौकरी मांगने वाले। बेरोजगारी का समाधान कौशल है, जितना हमारा कौशल बढ़ेगा, बेरोजगारी उतना ही कम होगी। युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा का ज्ञान देना भी अति आवश्यक है।
राज्यपाल ने यह वक्तव्य श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
उन्होंने दीक्षांत समारोह में दो मानद पीएचडी सहित 161 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों से संबंधित डिग्री प्रदान की, जिसमें 136 लडके व 25 लड़कियां शामिल है।
उन्होंने कहा कि दूधौला, पलवल में स्थापित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय अपनी तरह का देश का पहला विश्वविद्यालय है, जोकि हरियाणा व इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप यह उम्मीद की जा सकती है कि यह विश्वविद्यालय युवा पीढी के भविष्य की कायापलट का वाहक साबित होगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कौशल एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा पर बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कौशल युवा देश के अति महत्वपूर्ण संसाधन हैं। यह संसाधन अन्य संसाधनों से ताकतवर है, जो विकासशील भारत को विकसित भारत में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। इस दिशा में भारत सरकार के मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया कार्यक्रम काफी आशावादी एवं सशक्त हैं जो विकसित भारत के मिशन को प्राप्त कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने प्रारंभ से ही विभिन्न क्षेत्रों में अविश्वसनीय सफलताएं प्राप्त की हैं। यहां के पाठ्यक्रमों को राष्टड्ढ्रीय फ्रेमवर्क के तहत विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा देश के करीब 100 बडे औद्योगिक एवं शिक्षण संस्थानों के साथ समझौते किए जा चुके हैं। विश्वविद्यालय में सर्टिफिकेट से लेकर पीएचडी तक राष्टड्ढ्रीय कौशल योग्यता के फ्रेमवर्क के अनुसार एल-1 से एल-10 तक औद्योगिक सहयोगियों के साथ मिलकर 29 पाठ्यक्रम चार संकायों के साथ संचालित किए जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय ने अब तक 4 हजार युवाओं को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री, अल्प अवधि कार्यक्रम, कौशल सेतु आदि के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है।