चंडीगढ़, 3 अगस्त। पंजाब विरोधी पावर एग्रीमेंट को रद्द करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा लिखे पत्र के जवाब में पीएसपीसीएल के चेयरमैन ए वेणु प्रसाद द्वारा निजी बिजली कंपनियों के समर्थन को लेकर आम आदमी पार्टी ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से अपना रुख स्पष्ट करने का मांग की है।
इस संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि चेयरमैन की रिपोर्ट से यह साफ होता कि वह बिजली कंपनियों के समझौतों को सही मानते हुए पंजाब के हितों को अनदेखा करना चाहते हैं।
एक संवाददाता सम्मेलन में विधायक मीत हेयर ने कहा कि गर्मी के मौसम और धान की बुवाई के दौरान किसानों को बिजली की आपूर्ति न कर पाना सरकार का बिजली कंपनियों के साथ मिलीभगत को साफ दर्शाता है। विधायक हेयर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पीएसपीसीएल के चेयरमैन को बिजली सौदों को रद्द करने को लेकर भेजे पत्र को महज खानापूर्ति बता पंजाब की जनता को गुमराह करने आरोप लगाए हैं।
उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को आड़े हाथ लिया और इस संबंध में उनका रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने सिद्धू सवाल करते हुए पूछा कि प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले से जिन बिजली समझौतों के खिलाफ वह आवाज उठा रहे थे उन्हें लेकर आज हव चुप क्यों हैं। सिद्धू बताएं कि क्या ये बिजली सौदे पंजाब के हित में हैं और इन्हें क्यों नहीं रद्द किया जाना चाहिए?
विधायक मीत हेयर ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के बिजली सौदों को रद्द करने को लेकर गुटखा साहिब की शपथ लेना और बाद में मुकर जाना जनता की भावनाओं को तो ठेस पहुंचती ही हैं लेकिन यह सिख गुरुओं का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि सरकार का बिजली सौदों को रद्द न करने के फैसले को बिजली कंपनी के साथ मिलीभगत को साफ जाहिर करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पंजाब के हितों को निजी बिजली कंपनियों को उसी तरह बेच दिया है जैसे शिअद-भाजपा सरकार ने बेचा था। बिजली कंपनियों से मोटा कमीशन वसूलने के चलते कांग्रेस सरकार इन समझौते को रद्द नहीं करना चाहती है। विधायक मीत हेयर ने सरकार से पंजाब के हितों के खिलाफ काम करने वाले अधिकारी ए वेणु प्रसाद को तत्काल नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है।