कांग्रेस में बढ़ रही बेचैनी के बीच मुख्यमंत्री ने तोड़ी चुप्पी
चंडीगढ़, 13 अप्रैल। मीडिया में छा रही सुर्खियों को खारिज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने साफ कर दिया है कि वर्ष 2022 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकटों को अंतिम रूप देने में प्रशांत किशोर की किसी भी तरह की भूमिका नहीं होगी।मुख्यमंत्री ने अपने नए प्रमुख सलाहकार प्रशांत किशोर द्वारा टिकटों के बारे में फ़ैसला लेने सम्बन्धी पंजाब कांग्रेस में नाराजग़ी की रिर्पोटों के सम्बन्ध कहा, ‘‘इस संबंधी सवाल ही पैदा नहीं होता। किशोर का इस मामले से कोई संबंध नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टिकट के वितरण के लिए नियम और मापदंड निर्धारित हैं, जो सभी राज्य में सभी चुनावों में अपनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले हाईकमान द्वारा राज्य स्तरीय चयन समिति का गठन किया जाता है, जो सभी नामों पर विचार करती है और अंतिम फ़ैसला केंद्रीय चयन समिति करती है और इसमें व्यक्तिगत तौर पर किसी की भूमिका नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस समिति द्वारा टिकट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में स्वतंत्र एजेंसियों के साथ-साथ पार्टी की प्रांतीय इकाई समेत आंतरिक और बाहरी पक्ष से जानकारी हासिल की जाती है। उन्होंने कहा कि यही प्रक्रिया वर्ष 2017 में अपनाई गई थी और इस बार भी इसी प्रक्रिया के अनुसार चला जाएगा, तो फिर इस समूची प्रक्रिया में प्रशांत किशोर कहाँ है।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि यह विधि पिछली विधानसभा चुनावों में कारगर सिद्ध हुई थी, जब कांग्रेस ने पंजाब में 80 सीटों पर जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी इस ढांचे में बदलाव क्यों करेगी और राजनैतिक संतुलन को क्यों बिगाड़ेगी, जो हमने पिछले चार साल में बहुत ही बेहतरीन ढंग से बनाया हुआ है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस ने पिछले चार सालों में हरेक चुनाव में शानदार प्रदर्शन दिखाया है और हाल ही में हुई शहरी स्थानीय चुनावों में पार्टी ने प्रचंड़ जीत हासिल की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि पार्टी को स्थानीय स्तर पर कोई सरकार विरोधी मिसाल नजऱ भी आती है तो इसका पार्टी वैकल्पिक रास्ता निकाल कर जीत यकीनी बनाने के लिए सबसे बढिय़ा ढंग से निपट लेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मसले को विचारने और फ़ैसला लेने का काम किशोर का नहीं, कांग्रेस का है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रशांत किशोर का रोल मेरे प्रमुख सलाहकार तक सीमित है। यह पद सिफऱ् सलाहकारी के लिए है, जिसमें फ़ैसला लेने का अधिकार नहीं होता।’’