हुड्डा ने कहा कि मैं आज देश के किसान और मजदूर के न्याय की गुहार लगाने आया हूं। लखीमपुर खीरी में सत्ता के मद में मदांध मंत्री पुत्र की गाड़ियों ने सिर्फ किसानों को ही नहीं, देश की आत्मा, देश के संविधान और लोकतंत्र को भी निर्ममता से रौंद दिया। जब देश का दिल दहला तो किसान के आंसू पोंछने के लिये वहां पहुंचने का सबसे पहला कदम प्रियंका गांधी ने बढ़ाया। पूरे देश के किसान ने देखा कि हमें रोकने के लिये हर तरह की बाधाएं खड़़ी की गयीं। पुलिस ने धक्का-मुक्की की, गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने पूछा कि क्या इस देश में किसी दुखिया के आंसू पोंछना अपराध है।
उन्होंने किसानों के न्याय की लड़ाई में साथ देने की गुहार के साथ कहा कि आप किसका साथ देंगे कुचलने वालों का या जो कुचले गये उनके न्याय का? एक तरफ कुचलने वाले खड़े हैं, दूसरी तरफ जो कुचले गये वो खड़़े हैं। एक तरफ घमंड में लैस मंत्री पुत्र खड़े हैं दूसरी तरफ किसान-मजदूर अपने पसीने के साथ खडे हैं। एक तरफ सत्ता खड़ी है, दूसरी तरफ सत्य खड़ा है। एक तरफ सत्ता का निरंकुश अभिमान खड़ा है, दूसरी तरफ किसान और मजदूर का स्वाभिमान खड़ा है। एक तरफ विभाजन की सोच खड़ी है, तो दूसरी तरफ भाईचारे का सिद्धांत खड़ा है। एक तरफ बड़े उद्योगपति और सरमायेदार खड़े है, तो दूसरी तरफ किसान-मजदूर-छोटा दुकानदार खड़ा है। एक तरफ धनबल, सत्ताबल, सरकारी तंत्र का बल और पुलिस बल खड़ा है, दूसरी तरफ नैतिक बल खड़ा है। एक तरफ अंधा अहंकार है, तो दूसरी तरफ प्रियंका गांधी की ललकार है।
किसान न्याय रैली में पहुँचने से पहले प्रियंका गाँधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में षोडशोपचारपूर्वक पूजन कर बाबा विश्वनाथ से देश-प्रदेश की खुशहाली व समृद्धि की कामना की। उन्होंने दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में माँ दुर्गा से पाप और अन्याय का संहार कर देश में शांति और न्याय स्थापित करने की प्रार्थना की।