चंडीगढ़, 19 नवंबर। Haryana के Jhajjar में स्वामी ओमानंद सरस्वती के नाम पर विशाल Archaeological Museum बनेगा।
यह मंजूरी सीएम मनोहरलाल ने स्वामी ओमानंद सरस्वती पुरातत्व संग्रहालय समिति (गुरुकुल झज्जर) के साथ बैठक में दी।
उन्होंने इस संबंध में HSVP के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
Archaeological Museum में स्वामी ओमानंद द्वारा संरक्षित पुरातात्विक महत्व की लगभग 2 लाख वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
बैठक में गुरुकुल के आचार्य विजय पाल और विरजानंद देवकर्णी शामिल हुए।
साल 1959 में अस्तित्व में आया था Archaeological Museum
गुरुकुल झज्जर Archaeological Museum प्रदेश के लिए गौरव का स्थान है।
यह हरियाणा का सबसे बड़ा संग्रहालय है।
देश के विभिन्न हिस्सों से प्राचीन वस्तुओं को एकत्र करने में स्वामी ओमानंद सरस्वती का बड़ा योगदान था।
इसी के चलते यह संग्रहालय 1959 में अस्तित्व में आया था।
संग्रहालय में दुर्लभ सिक्कों, मृण्मूर्ति, मूर्तियां, पांडुलिपियां आदि का अनूठा और अतुलनीय संग्रह है।
इन धरोहरों को पिछले कई दशकों के दौरान गुरुकुल झज्जर ने दुनिया भर से एकत्र किया है।
इस प्रकार सरकार ने इस राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित करने के लिए एक नया संग्रहालय बनाने का फैसला किया है।
इस अवसर पर नगर व ग्राम आयोजना व शहरी संपदा विभाग के प्रधान सचिव एके सिंह मौजूद थे।
इसके अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (पंचकूला) के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी भी मौजूद रहे।