चंडीगढ़, 28 सितंबर। बाजरा भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर ली गई है।
यह कदम उठाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है।
यह फैसला हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के हित में लिया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बागवानी फसलों के लिए भी ये योजना‘ लागू हो चुकी है।
योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल की गई हैं।
इस बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि बाजरे की खरीद को लेकर अन्य कदमों की जानकारी भी दी।
ये लिए गए फैसले
1. बाजरे के औसत बाजार भाव व एमएसपी के अंतर को भावांतर मानते हुए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल को वारिफाई करवाने के बाद सही पाए गए किसानों को औसतन उपज पर 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर दिया जाएगा।
2.बाजरे के लिए एमएसपी 2250 रुपये प्रति क्विंटल तय हुआ है।
जबकि राजस्थान व पंजाब ने इस बार भी बाजरे का कोई एमएसपी घोषित नहीं किया है और लगता है कि वे पहले की तरह इस बार भी बाजरे की खरीद नहीं करेंगे।
3.ऐसे में इन राज्यों से बाजरा हरियाणा में बिकने के लिए आने की आशंकाएं हैं। इसलिए हरियाणा प्रदेश के उन किसानों का ही बाजरा खरीदने के लिए भावांतर पर भरपाई करने का निर्णय लिया गया है, जिन्होंने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है।
उपज भाव को मेनटेन करने के लिए बाजार भाव पर 25 प्रतिशत उपज सरकारी एजेंसी खरीदेगी।
4. खरीफ -सीजन 2021 में बाजरे के लिए 2 लाख 71 हजार किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है।
इसमें से लगभग 8 लाख 65 हजार एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ है।
खरीद शुरू होते ही किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर औसत उपज के अनुसार भुगतान कर दिया जाएगा।
यह भुगतान ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर सत्यापित किसानों को ही किया जाएगा।
5. इस सीजन में सरकार पांच फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी।
6. खरीफ फसलों में बाजरे के अतिरिक्त मूंग, मक्का और धान की खरीद 1 अक्तूबर से और मूंगफली की खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी।
7. इसके अलावा, राज्य सरकार पहली बार अरहर, उड़द और तिल की खरीद भी करने जा रही है जो 1 दिसम्बर से शुरू होगी।
8. किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन जैसे कि मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को ही 4,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा।
9. बाजरे की खरीद के लिए 86, मूंग की खरीद के लिए 38, मक्का के लिए 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिए 7 खरीद केन्द्र बनाये गए हैं।
धान की खरीद के लिए भी 199 खरीद केन्द्र बनाये गये हैं।
10. इसके अलावा 72 अतिरिक्त खरीद स्थलों की भी पहचान की गई है।
यदि खरीद केन्द्रों पर भारी मात्रा में आवक होगी, तो इन स्थलों का उपयोग धान की खरीद के लिए किया जाएगा।