चंडीगढ़, 3 सितंबर। हरियाणा में एक तरफ बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक हो 35 प्रतिशत पार कर चुकी है, तो दूसरीओर युवाओं के भविष्य को सरेआम बेचने का कालाधंधा भाजपा-जजपा सरकार की नाक के नीचे लगातार फल-फूल रहा है।
यह आरोप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां जारी एक बयान में लगाए। उन्होंने कहा कि जेईईपरीक्षा का पेपर हरियाणा में लीक होने से प्रदेश सरकार का नाकारापन एक बार फिर जगजाहिर हो गया है, जिसके चलते खट्टर-चौटाला सरकार में हरियाणा पेपरलीक माफिया व पेपरबेच माफिया का केंद्र बन गया है, जहां पर पेपर लीक माफिया में कानून को कोई भय नहीं रह गया है।
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले सालों में लगातार 28 बार से अधिक अलग-अलग पदों के पेपर ‘पेपर लीक माफिया’ व ‘पेपर बेच माफिया’ के माध्यम से लीक भी हुए और बेचे भी गए। आज तक भाजपा-जजपा सरकार न तो इस माफिया का भंडाफोड़ कर पाई और न उस पर रोक लगा पाई और नही उन्हें सजा दिलवा पाई, जिसके चलते पेपर लीक माफिया के हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। स्वाभाविक तौर से शक की सुई सत्ता में बैठे सफेद पोशों के प्रत्यक्ष या परोक्ष संरक्षण की ओर उठती है।
उन्होंने कहा कि अब तो यह ‘पेपर लीक माफिया’ व ‘पेपर बेच माफिया’ का घिनौना व नंगा खेल सब हदें पार कर गया है। देश का सबसे प्रतिष्ठितव महत्वपूर्ण एग्जाम जेईई मेन्स है, जिसके माध्यम से पूरे देश की आईआईटी, एनआईटी, सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं व प्रांतों कीयूनिवर्सिटी तथा दूसरी संस्थाओं में बीई, बीटेकआदि के दाखिले होते हैं। कई मायनों में जेईई परीक्षा को देश की शैक्षणिक रीढ़की हड्डी कहा जाता है क्योंकि पूरे भारत के सबसेबे हतरीन इंजीनियर्स, कंप्यूटर प्रोफेशनल इत्यादि इनसंस्थाओं से पढ़कर देश-विदेश में अपना नाम रोशन कर पाते हैं। अब जेईई एग्जाम का पेपर भी माफिया द्वारा सोनीपत में लीक कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं के भविष्य की मंडी लगाकर बेचने का यह घिनौना खेल खट्टर सरकार के नाक तले खुले तौर से चल रहा था। क्या भाजपा-जजपा सरकार यह कह सकती है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी? क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को सामने आकर इस विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? क्या कारण है कि देश केअलग-अलग भागों में सक्रिय पेपर माफिया को हरियाणा एक सुरक्षित आश्रय नज़रआता है? हर बड़े पेपर लीक मामले के तार हरियाणा से क्यों जुड़ जाते हैं?