चंडीगढ़, 4 सितंबर। हरियाणा तेल मिल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री के मुख्यसचिव उमा शंकर से पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर व हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष विजय लक्ष्मी चन्द गुप्ता, सदस्य व्यापारी कल्याण बोर्ड ,भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य रामचेत तायल के नेतृत्व में मिला।
हरियाणा में बिनोल को क्रश करने पर LL फार्म देना आवश्यक है लेकिन, दूसरे प्रदेशों से आने वाला बिनोले पर उन प्रदेशो में LL फार्म नहीं लगता या उन प्रदेशो में लगने वाली मार्किट फीस की रसीद को अटेस्ट कराकर जमा कराने का नियम हरियाणा सरकार लागू कर रही है जिसका विरोध आज प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव के सामने रखा।
जिस पर मुख्यसचिव ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि उनकी समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने रख इस समस्या का निवारण कर व्यापारियो को खुले माहौल में व्यापार करने का माहौल हरियाणा में मिलेगा।
गुप्ता ने कहा कि जब सरकार के अधिकारियों को दूसरे प्रदेशों के अधिकारी रसीदों को अटेस्ट नही करते और पूरे भारत के किसी भी प्रदेश में LL फार्म का प्रवधान नहीं होने के कारण व्यापारी हरियाणा सरकार की दोनों शर्तो को पूरा नही कर सकता, इसके पूरा न करने पर सरकार की ओर से एक प्रतिशत मार्किट फीस वसूलने का नियम लागू करना चाहती है, जिसका हरियाणा व्यपार मण्डल विरोध करता है और हरियाणा सरकार से मांग करता है कि प्रदेश की तेल मिलो को बचाने के लिए मार्किट कमेटी की नीति को सरल कर व्यापारी हित मे करने की मांग करते हुए अन्य प्रदेशो से बिनोले की खरीद पर LL फार्म जमा कराने के आदेश वापस ले।
गुप्ता ने कहा कि एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के रिप्रोडक्शन पर दुबारा मार्किट फीस लगाना उचित नही है।
गुप्ता ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब मौसमी पर मार्किट फीस लग गई है तो क्या सरकार मौसमी से निकलने वाले जूस पर भी मार्किट फीस लेगी, जबकि ऐसा नहीं है।
इसी प्रकार गेहूं पर मार्किट फीस लगने के बाद आटा, मेदा, सूजी ओर चोकर पर मार्किट फीस नही लेती तो फिर बिनोले पर क्यो जबकि बिनोले कपास से निकलता है और कपास पर मार्किट फीस पहले ही वसूल कर ली जाती है।