चंडीगढ़, 25 जून। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी विविधिकरण पर और अधिक जोर दिया जाए, जिससे वे कम लागत में विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां उगाकर अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकेें।
उन्होंने यह बात आज यहां बागवानी विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में बागवानी के 11 केंद्रों पर 120 गांवों के 1200 किसानों को बागवानी की नई तकनीक के बारे में शिक्षित करने का लक्ष्य रखा है ताकि वे इसके माध्यम से कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें।
उन्होंने कहा कि इस दौरान 30 ऐसे गांवों को भी चुना जाएगा जिनका रूझान बागवानी की तरफ नहीं है और इन गांवों को बागवानी की तरफ अग्रसर करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि बागवानी के प्रगतिशील किसानों की स्टोरी को सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुचाएं ताकि उनका रूझान अधिक से अधिक बागवानी की तरफ बढ़े।
दलाल ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस वर्ष किन्नू के लगभग 2 लाख पौधों को तैयार किया जाए, इसके साथ ही अमरूद की पौध को भी बढ़ाया जाए, जिससे बागवानी की तरफ बढ़ रहे किसानों को बाहर से महंगे दामों पर पौधे खरीदने न पडे़।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की तरफ से विभिन्न प्रकार के फल व सब्जियों की पौध के लिए डिमांड बढ़ रही है और इसको देखते हुए पौध तैयार करने के लिए 4 बडे नेट हाउस जल्द ही बनाने के निर्देश पहले ही दिए हुए हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि बाजार में फलों व सब्जियों के भाव लागत से भी कम रहने पर किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा ‘‘भावान्तर भरपाई योजना‘‘ चलाई गई है, जिसमें 21 बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य निर्धारित किए हैं। यही नहीं, इन फसलों में प्राकृतिक आपदा से नुकसान की भरपाई के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ भी चलाई गई है, जिसके तहत इस वर्ष 1.15 लाख एकड़ भूमि को बीमा योजना में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि बागवानी में विविधिकरण के द्वारा किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में हमने प्रदेश में फल क्षेत्र व उत्पादन को वर्ष 2030 तक चार गुणा और सब्जियों के क्षेत्र को दो गुणा व उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य रखा है।
दलाल ने कहा कि प्रदेश में बागवानी का बजट वर्ष 2004-05 में लगभग 8 करोड रूपए था लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसानों के बागवानी की तरफ बढते रुझान को देखते हुए इसे वर्ष 2021-22 में 487 करोड़ रुपए किया गया है।
इस अवसर पर बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. अर्जुन सैनी ने विभाग के कार्यो पर पीपीटी के माध्यम से एक प्रस्तुतिकरण भी दिया।
इस अवसर पर बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. सुमिता मिश्रा, विभाग के निदेशक हरदीप सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।