एनईपी 2020 को सच्ची भावना से लागू करने के लिए कंसोर्टियम ऑफ हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (सीएचईआई) लॉन्च किया गया
मालवा क्षेत्र में सात उच्च शिक्षा संन्स्थानों ने अनुसंधान, नवाचार में तेजी लाने और नए युग के शिक्षा कार्यक्रमों को शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
बठिंडा, 7 मई: नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को सच्ची भावना से लागू करने के लिए कंसोर्टियम फॉर हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (सीएचईआई) की शुरुआत की गई है। यह कंसोर्टियम भविष्य के प्रौद्योगिकी विकास, सूचना के आदान-प्रदान के लिए उपयुक्त तकनीकी और प्रबंधन कौशल को बढ़ावा देगा, ज्ञान आधारित उद्यमों की उन्नति पर ध्यान केंद्रित करेगा और मानव संसाधन विकास के लिए प्रभावी अकादमिक साझेदारी की दिशा में कार्य करेगा।
इस कंसोर्टियम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बठिंडा, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा, महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय बठिंडा, आदेश यूनिवर्सिटी बठिंडा, बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस बठिंडा, अकाल विश्वविद्यालय तलवंडी साबो, और गुरु काशी विश्वविद्यालय तलवंडी साबो सहित मालवा क्षेत्र के 7 उच्च शैक्षणिक संसथान शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए शनिवार को एमआरएसपीटीयू में कंसोर्टियम ऑफ हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी, एम्स बठिंडा के निदेशक प्रो. दिनेश कुमार सिंह, एमआरएसपीटीयू के कुलपति प्रो. बूटा सिंह सिद्धू, गुरु काशी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. एस.के. बावा; अकाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गुरमेल सिंह, बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन श्री गुरमीत सिंह धालीवाल; और आदेश विश्वविद्यालय, बठिंडा के अधिकारियों ने भाग लिया।
मालवा क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों के एक संघ के विचार की परिकल्पना सीयूपीबी के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने की थी।
कार्यक्रम की शुरुआत में एमआरएसपीटीयू के कुलपति प्रोफेसर बूटा सिंह सिद्धू ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और संयुक्त सहयोग के माध्यम से बहु-विषयक अनुसंधान करने के लिए इस क्षेत्र में विभिन्न उच्च शैक्षणिक संस्थानों की विशेषज्ञता का सदुपयोग करना है।
पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने उल्लेख किया कि नई तकनीकों के विकास, उद्योगों की बदलती आवश्यकताओं और शिक्षा में आईसीटी की शुरूआत ने शिक्षा और अनुसंधान की गतिशीलता को बदल दिया है। वहीं, एम्स बठिंडा के निदेशक प्रो. डी.के. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि इस एमओयू को सफल बनाने के लिए सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस कंसोर्टियम का व्यापक लक्ष्य इस क्षेत्र के पर्यावरण और स्वास्थ्य के मुद्दों को संबोधित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास करना और संयुक्त अनुसंधान के माध्यम से समाज में समस्याओं का सार्थक समाधान खोजना है। अन्य एचईआई के सदस्यों ने इस समझौता ज्ञापन के विजन और मिशन को साकार करने हेतु कटिबद्ध होने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर डॉ. गुरिंदर पाल सिंह बराड़ (कुलसचिव, एमआरएसपीटीयू), प्रो. बी.पी. गर्ग (कुलसचिव, सीयूपीबी), प्रो. अंजना मुंशी (निदेशक अनुसंधान एवं विकास सेल, सीयूपीबी), डॉ. आशीष बाल्दी (डीन, अनुसंधान एवं विकास, एमआरएसपीटीयू); डॉ. कंवलजीत सिंह संधू (डीन, अकादमिक मामले, एमआरएसपीटीयू), डॉ. जावेद अहमद खान (डीन, विज्ञान संकाय, बीएफजीआई); प्रो. सुखजीत एस. ढींडसा (कुलसचिव, अकाल विश्वविद्यालय); प्रो. पी.एस. औलख (सम कुलपति, गुरु काशी विश्वविद्यालय) और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।