शिमला, 5 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह की अध्यक्षता में आज चंडीगढ़ में राज्य सरकार ने विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 3307 करोड़ रुपये के 27 एमओयू किए गए, जिससे प्रदेश के लगभग 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश अन्य पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली से व्यापार में सुगमता में आगे है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए हर संभव सुविधाएं, प्रोत्साहन व रियायतें प्रदान कर रही है। राज्य सरकार निवेशकों को किफायती दर पर भूमि, निर्बाध विद्युत आर्पूिर्त और सुलभ प्रशासन जैसे विशिष्ट लाभ प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ निवेशक प्रदेश में इथेनोल इकाइयां स्थापित करने में रूचि दिखा रही हंै।
मैसर्ज ट्राइडेंट कम्पनी ने टैक्सटाइल पार्क स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन और मैसर्ज बेटर टूमारो इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड साॅल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए 490 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
मैसर्ज माधव एग्रो ने निजी औद्योगिक पार्क बनाने के लिए 400 करोड़ रुपये तथा मैसर्ज हिमालयन ग्रुप ऑफ इस्टीट्यूट ने प्रदेश में पहले कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए। मैसर्ज पिटारा टीवी ने प्रदेश में फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए। अपोलो हाॅस्पिटल की फ्रेंचाइजी मैसर्ज मेटाफिजिकल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड ने 250 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
मैसर्ज नचिकेता पेपर लिमिटेड ने क्राफ्ट और डुपलेक्स बोर्ड के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया। भारत सरकार के मिश्रित ईंधन और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में इथेनोल निर्माताओं को आमंत्रित किया है। प्रदेश में इथेनोल उत्पादन के लिए 1000 करोड़ रुपये की लागत के कुल 6 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्राप्त प्रस्तावों का उद्देश्य इथेनोल, चिकित्सा उपकरण, शिक्षा और कौशल विकास, फार्मास्यूटिकल्स, कागज निर्माण, खाद्य प्रसंसकरण, स्वास्थ्य, आॅटोमोबाईल, इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि कुछ उद्यमियों ने प्रदेश में निजी औद्योगिक क्षेत्रों और थीम पार्क विकसित करने में रूचि दिखाई है।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति 2019 के अन्तर्गत पहले से ही निजी औद्योगिक क्षेत्रों और थीम पार्कों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन एवं रियायतों का प्रावधान किया है।
निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में दूसरे ग्राउंड बे्रकिंग समारोह का आयोजन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और कोविड की स्थित सामान्य होने की स्थिति में प्रदेश में नए निवेश को आकर्षित करने के लिए भी प्रयासरत है।