चंडीगढ़, 23 जून- हरियाणा सरकार खरीफ-2021 के दौरान प्रदेश में दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा दे रही है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम इस लिए उठाया गया है ताकि किसानों की भूमि की उर्वरा शक्ति बढऩे के साथ-साथ राज्य में खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हरियाणा के सभी (विशेषकर प्रमुख बाजरा उत्पादक) जिलों में दलहनी (मूंग, अरहर) व तिलहनी (अरंड, मूंगफली) की फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य है कि 70 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय दलहनी फसलें तथा 30 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय तिलहनी फसलों की बिजाई की जाए। उन्होंने बताया कि इसके तहत किसानों को 4 हजार रूपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि दलहनी फसलें लगाने से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है वहीं तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने से प्रदेश में खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चितता होगी।
उन्होंने बताया कि उक्त फसलों के पंजीकरण के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर 31 जुलाई 2021 तक पंजीकरण करवाया जा सकता है।
किसानों से जुड़े और कदम भी उठाने की तैयारी
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल में किसानों से जुड़े कुछ और कदम उठाए हैं।
हाल में प्रदेश में खराब पड़ी जमीन को खेती लायक बनाने की तरफ सरकार ने फोकस किया है। योजना के तहत इस साल किसानों की एक लाख एकड़ जमीन ठीक की जाएगी।
कृषि व किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल के अनुसार किसानों की खराब पड़ी जमीन को खेती लायक बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर रही है। सरकार किसानों के साथ मिलकर खराब जमीन को ठीक करेगी, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
दलाल ने पिछले दिनों इस सिलसिले में अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी और इसमें किसानों, खासकर दक्षिण हरियाणा के किसानों को जल्द ही मूंग का बीज, ब्लॉक व गांव लेवल पर मुहैया करवाने के निर्देश भी दिए थे।