चंडीगढ़, 31 अगस्त। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में विकास करने के लिए ई-भूमि पोर्टल से लेकर ‘स्वामीत्व योजना’ तक कई बदलाव किए हैं और जिनका लाभ आम आदमी को देखने का मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में विभिन्न विभागों का जो डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है, लोगों को उसका लाभ मिलेगा और प्रदेश में विकास की गति तेज होगी।
डिप्टी सीएम ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 26 जनवरी 2020 को करनाल जिला के गांव सिरसी से ‘लाल डोरा मुक्त गांव’ योजना की शुरुआत की थी, उसका अनुसरण करते हुए केंद्र सरकार द्वारा 24 अप्रैल 2020 को पंचायतीराज दिवस पर देश के आठ राज्यों में ‘स्वामीत्व योजना’ के नाम से इस योजना को अपनाया गया है।
उन्होने बताया कि इस योजना के तहत हरियाणा में आठ अलग-अलग फेज में 2409 गांवों का सर्वे हो चुका है और 8.18 लाख प्रॉपर्टी कार्ड बनाए गए हैं। इनमें से 2045 गांवों में 1,74,770 प्रॉपर्टी कार्ड रजिस्टर्ड भी हो चुके हैं।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जिन गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड बनाने या रजिस्टर्ड करने में आपसी सहमति नहीं बनती है वहां उपायुक्त तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी स्तर पर मामले की सुनवाई करके निर्धारित अवधि में समाधान करवाया जाता है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि लाल-डोरा मुक्त होने से गांव की संपत्ति को विशेष पहचान मिलेगी तथा अचल संपत्ति पर बैंक द्वारा लोन भी मंजूर किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि भविष्य में ग्रामीणों को अपनी संपत्ति बेचने और खरीदने का मालिकाना हक भी मिलेगा।
उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे गांवों में इस बात का प्रचार करें कि स्वामित्व परियोजना के तहत भू-स्वामियों की सम्पतियों का पंजीकरण मुफ्त में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी ग्रामवासी लाल डोरे के अंतर्गत आने वाली अपनी संपत्ति का पंजीकरण तहसील व सब तहसील में जाकर अवश्य करवाएं।