चंडीगढ़, 29 सितंबर। नौकरियों में चयन के मामलों में बिना किसी देरी के भर्ती प्रक्रिया पूरी करने से युवाओं का भर्ती प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा।
यह बात हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राजभवन में उनसे मिलने आए हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के बाद भर्ती प्रक्रिया को और अधिक गति देने की आवश्यकता है। प्रदेश के विभिन्न विभागों में ग्रुप ए व बी की खाली पदों को शीघ्र भरा जाने से प्रशासनिक व्यवस्था में और सुधार होगा और सुशासन प्रणाली को और अधिक बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आयोग निरंतर सरकार के विभिन्न विभागों से संपर्क साध कर खाली पदों की जानकारी ले ताकि आयोग द्वारा समय रहते चयन की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में संघ लोक सेवा आयोग व अन्य राज्यों के आयोगों की प्रक्रिया को जांच कर और अध्ययन कर भी काम करना चाहिए, जिससे चयन प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा ने बताया कि सरकार के विभिन्न द्वारा ज्यों ही पदों की स्वीकृति से सम्बधित सूचना आती है तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
हाल ही में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा पूरी पारदर्शिता से करवाई गई, जिसका परिणाम भी घोषित किया जा चुका है इसी प्रकार से लगभग 1300 पदों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिसमें कृषि, तकनीकी शिक्षा, पशुपालन विभागों से सम्बधित भर्तिया आगामी फरवरी मार्च तक पूर्ण कर ली जाएंगी।
इससे पूर्व वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वीएस तंवर ने भी राज्यपाल दत्तात्रेय से मुलाकात की और अपने विभाग की गतिविधियों की जानकारी दी।
दत्तात्रेय ने निर्देश दिए की विश्वविद्यालय परिसर में अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए अभियान चलाए और युवाओं को पौधरोपण के लिए प्रेरित करें।
इस मुलाकात में वीएस तंवर ने बताया कि केन्द्र सरकार की नगर वन परियोजना के आधार पर हरियाणा में पंचकूला और करनाल में ऑक्सीजन -वन परियोजना शुरू की जा रही है।
इसके लिए पंचकूला में 100 एकड़ और करनाल में 80 एकड़ भूमि पर यह योजना विकसित की जाने की योजना है।
इस परियोजना के तहत आम-जन को पौधारोपण और वन विकास के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से थियेटर और म्यूजियम आदि का निर्माण किया जाना है।
इसके साथ-साथ ‘‘प्राण वायु देवता पैंशन योजना’ शुरू की गई है।
इस योजना के तहत पुराने पेड़ों को संरक्षित करने के लिए 2500 पैंशन दी जाएगी। यह पैंशन पेड़ मालिकों व सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं को दी जाएगी।