चंडीगढ़: 10 अक्तूबर। भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने किसानों द्वारा आत्महत्याएं किए जाने के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को निशाने पर ले लिया है।
शर्मा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के गृह क्षेत्र मालवा में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से ख़राब हुई नरमे की फसल के मालिक किसानों द्वारा आत्महत्याएं किए जाने गहरा दुःख जताते हुए कहा कि खुद को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी बताने के बड़े-बड़े दावे करने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार असली चेहरा फिर सबके सामने आ गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान के नेता राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल, अकाली सांसद हरसिमरत कौर बादल सहित अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखीमपुरपुर खीरी में डेरा डाल कर किसान आन्दोलन को राजनीतिक रूप दिया जा रहा है और मृतकों के परिजनों के गले लग-लग तस्वीरे खिंचवा कर सबके सामने उनके सबसे बड़े हितैषी होने का दिखावा किया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि अगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखीमपुर में पहुँच गए तो पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष या मुख्यमंत्री का वहां क्या काम? क्या ये लोग खुद को उनसे भी उपर मानते हैं या सोनिया गांधी के आगे यह क्या साबित करना चाहते हैं?
शर्मा ने कहा कि सिद्धू इतना लाव-लश्कर तथा कैमरे लेकर लखीमपुर में अफ़सोस करने नहीं बल्कि मृतकों का मजाक उड़ाने तथा अपनी राजनीति चमकाने के लिए वहां गए हैं।
शर्मा ने यूपी सरकार तथा केंद्र सरकार से लखीमपुर कांड के आरोपियों के विरुद्ध जाँच करवा कर कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की माँग की।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि जब यूपी सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 45 लाख रुपए मुआवज़ा तथा सरकारी नौकरी दिए जाने का ऐलान कर दिया गया तो पंजाब तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों द्वारा अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग 50-50 लाख रुपए (यानी कुल मिलाकर 1-1 करोड़ रुपए) देने का एलान किया गया। जबकि इन सभी को पंजाब में नरमे की फसल बर्बाद होने से आहत किसानों की आत्महत्याएं नजर नहीं आ रहीं।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बेरोज़गारी चरम पर पहुँच चुकी है। दिन-दिहाड़े पुलिस की नाक के नीचे नशा बेचा जा रहा है। पुलिस प्रदेश में चल रहे सभी तरह के माफिया पर लगाम लगाने में विफल है क्यूंकि इन सभी माफियाओं के सिर पर कांग्रेस सरकार के मंत्रियों व नेताओं का हाथ है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि जब यूपी सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 45 लाख रुपए मुआवज़ा तथा सरकारी नौकरी दिए जाने का ऐलान कर दिया गया तो पंजाब तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों द्वारा अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग 50-50 लाख रुपए (यानी कुल मिलाकर 1-1 करोड़ रुपए) देने का एलान किया गया। जबकि इन सभी को पंजाब में नरमे की फसल बर्बाद होने से आहत किसानों की आत्महत्याएं नजर नहीं आ रहीं।
इससे साफ़ जाहिर है कि कांग्रेस हाईकमान, मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्धू तथा अन्य विपक्षी नेताओं को पंजाब के किसानों से कोई लेना-देना नहीं है, पंजाब का किसान मरता है तो मरे। इन्हें सिर्फ अपने नीच राजनीतिक स्वार्थ की चिंता है।
शर्मा ने कहा कि पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा 11 फसलों पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिया जा रहा है और इसके अलावा भी किसानों को बहुत कुछ दिया जा रहा है लेकिन, पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा किसी भी फसल पर कोई भी MSP नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि गेंहू, धान या कॉटन पर जो MSP दिया जा रहा है वो केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है, इसमें पंजाब सरकार का कोई रोल नहीं है।
शर्मा ने कहा कि पंजाब में धान की फसल की खरीद केंद्र सरकार द्वारा लेट शुरू किए जाने के ऐलान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी केन्द्र सरकार के पास गुहार लगाने पहुंच गए, कि धान की खरीद जल्द शुरू की जाए।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के पास इतना भी दम नहीं है कि वो चार दिन खुद फसल की खरीद कर सके। क्यूंकि पंजाब का खज़ाना खाली है और इस बात की पुष्टि कई बार पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी कर चुके हैं।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बेरोज़गारी चरम पर पहुँच चुकी है। दिन-दिहाड़े पुलिस की नाक के नीचे नशा बेचा जा रहा है। पुलिस प्रदेश में चल रहे सभी तरह के माफिया पर लगाम लगाने में विफल है क्यूंकि इन सभी माफियाओं के सिर पर कांग्रेस सरकार के मंत्रियों व नेताओं का हाथ है।
अश्वनी शर्मा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से सवाल किया कि पंजाब के किसानों के लिए वे क्या कर रहे हैं?
शर्मा ने कांग्रेस सरकार पंजाब के मृतक किसानों को 1 से लेकर 5 लाख रुपए का मुआवज़ा देने का ऐलान कर क्या साबित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि ख़ुद के प्रदेश में मृतक किसानों को 1 से लेकर 5 लाख और अन्य प्रदेश के किसानों को 50-50 लाख रुपए मुआवज़ा ये कहाँ का इन्साफ हैं?