चंडीगढ़, 17 अगस्त। पंजाब सरकार कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट से पैदा की जा रही फरमैंटेड ऑर्गेनिक मैन्यर (खाद) से खेती बढ़ाएगी। इसकी मदद से फूल और बागवानी को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके लिए राज्य सरकार एक योजना तैयार कर रही है। यह जानकारी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने यहां समारोह में दी।
अरोड़ा और उनके कैबिनेट सहयोगी व कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अधिकारियों व निवेशकों को एक व्यापक प्रणाली तैयार करने को कहा ताकि सीबीजी प्लांटों में तैयार की जा रही खाद के प्रयोग को उत्साहित किया जा सके।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) की तरफ से धान की पराली और अन्य कृषि अवशेष पर आधारित कुल 492.58 टन प्रति दिन सामर्थ्य वाले 42 सीबीजी प्रोजेक्ट पहले ही अलॉट किए गए हैं और कुल 33.23 टन सीबीजी रोजाना के सामर्थ्य वाला एशिया का सबसे बड़ा सीबीजी प्लांट हाल ही में संगरूर के गांव भुटाल कलां में शुरु किया गया है। इन सभी सीबीजी प्लांटों के चलते सालाना कम से कम 5 लाख टन फरमैंटिड आर्गेनिक खाद (एफओएम) पैदा होने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा कि इस खाद के प्रयोग से जमीन के पौष्टिक तत्वों, उपज, पौष्टिक गुणों, फसलों की गुणवत्ता में विस्तार होगा और उपज की जैविक और अजैविक तत्वों के प्रति सहनशीलता को बढ़ाएगी। इसके साथ ही यह भारी धातुओं के मिश्रण को रोकने के साथ- साथ स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा देगी।
अमन अरोड़ा ने कहा कि इन प्रोजैक्टों से न सिर्फ़ किसानों को अच्छी किस्म की जैविक खाद मिलेगी बल्कि राज्य की आर्थिकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह सड़कों, रेलवे, सहायक उद्योगों, बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा साफ़ और स्वच्छ ऊर्जा को यकीनी बनाऐंगे।
कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पीएयू) और गुरू अंगद देव वैटरनरी और एनिमल सायंसज़ यूनिवर्सिटी (गडवासू) को पेडा/सीबीजी प्रोजेक्ट डिवैल्लपरों के साथ मिलकर इस सम्बन्धी संभावनाओं की तलाश करने के निर्देश दिए और पीएयू और गडवासू को फरमैंटिड आर्गेनिक खाद की जांच, ग्रेडिंग, प्रमाणीकरण और मार्किटिंग के रूप में सक्रिय सहयोग देने के लिए भी कहा।
कैबिनेट मंत्रियों ने निवेशकों को उनकी समस्याओं के जल्दी हल के लिए हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिया।