चंडीगढ़, 7 नवंबर। पंजाब के Schools अब Punjabi भाषा को ignore (नजरअंदाज) नहीं कर सकेंगे।
कैबिनेट ने पहली से 10वीं तक के छात्रों के लिए Punjabi को compulsory subject के तौर पर सख्ती से लागू करने का बड़ा कदम उठाया है।
Cabinet ने इस बाबत बने एक्ट के उपबंधों का उल्लंघन करने पर penalties राशि को double करने का फैसला लिया है।
यह व्यवस्था पंजाबी और अन्य भाषाएं शिक्षा संबंधी पंजाब एक्ट (Act) 2008 में amendment कर की गई है।
अब जुर्माना 25,000, 50,000 व एक लाख रुपए से बढ़ा कर क्रमवार 50,000, एक लाख रुपए और दो लाख रुपए हो जाएगा।
कैबिनेट ने इस amendment को पंजाब विधानसभा के सत्र में पेश करने की हरी झंडी दे दी।
Schools पर लगेगा इस तरह जुर्माना
कोई भी स्कूल जो एक्ट के उपबंधों या नियमों की 1 महीने से अधिक समय के लिए पहली बार उल्लंघन करेगा तो 50,000 रुपए जुर्माना भरना होगा।
एक महीने से अधिक समय के लिए दूसरी बार उल्लंघन करने पर जुर्माना एक लाख रुपए होगा।
तीसरी बार उल्लंघन पर स्कूल के ऊपर दो लाख रुपए का जुर्माना लगेगा।
यह होगी स्कूल की परिभाषा
इसी तरह एक्ट की धारा 2 की क्लाज़ (ई) में ‘‘स्कूल शब्द की परिभाषा इस तरह दी गई है।
कैबिनेट ने पाया कि संशोधन से पहले रखी गई जुर्माने की राशि बेहद कम है।
इस लिए amendment कर penalties amount (राशि) को बढ़ाने का फैसला लिया गया।
ताकि यह एक्ट प्रभावशाली तरीके से लागू हो और स्कूल नियमों को नजरअंदाज न कर सकें।
Official work Punjabi में नहीं किया तो भी penalties
कैबिनेट ने पंजाब राज्य भाषा (amendment) Act -2008 की धारा 8(डी) अधीन धारा 8(3) को शामिल करके एक्ट में संशोधन करने की मंज़ूरी दे दी है।
इसके तहत दफ्तरी कामकाज, Punjabi language में न करने वाले अधिकारियों /कर्मचारियों पर अब जुर्माना लागू होगा।
पहली बार उल्लंघन करने वाले कर्मचारी पर पांच सौ रुपए जुर्माना किया जा सकता है।
दूसरी बार उल्लंघन करने पर जुर्माना दो हज़ार रुपए होगा।
इसी तरह तीसरी बार करने पर ऐसा जुर्माना पांच हजार रुपए तक किया जा सकता है।
हालांकि इस मामले में अधिकारी अथवा कर्मचारी को स्पष्टीकरण देने का मौका भी दिया जाएगा।