चंडीगढ़, 16 नवंबर। पंजाब सरकार Punjabi Language act को सख्ती से लागू करने के लिए State Language Commission बनाएगी।
इसके साथ ही पुस्तक सभ्याचार को बढ़ावा देने के लिए Library Act का अध्यादेश जारी होगा।
इससे युवाओं को Literature साहित्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए खेल मैदानों के साथ library भी बनाए जाएंगे।
यह बात भाषा संबंधी मंत्री परगट सिंह ने National Press Day के अवसर चर्चा के दौरान कही।
वे Punjab & Chandigarh Journalist Association द्वारा ‘पंजाबी भाषा एवं पत्रकारिता की चुनौतियों’ के विषय पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे।
परगट सिंह ने शहीद करतार सिंह सराभा और उनके छह साथियों को भी सलाम किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहीद करतार सिंह सराभा पत्रकारों के लिए भी रोल मॉडल हैं।
उन्होंने कहा कि करतार सिंह सराभा गदर अखबार निकालते थे।
उन्होंने देश की आजादी के लिए गदर अखबार के द्वारा देश-वासियों में वतनपरस्ती की चिंगारी जलाई।
यह गदरी योद्धा हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।
परगट सिंह ने कहा कि प्रैस लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है।
पंजाब की तरक्की में पंजाबी पत्रकारिता का बड़ा रोल है।
State Language Commission इस लिए है जरूरत
उन्होंने साहित्यकारों, पत्रकारों, अकादमिक विशेषज्ञों व शिक्षा शास्त्रियों को आगे आने का न्योता दिया।
ताकि एक्ट को लागू करने के लिए State Language Commission व समितियों में उनको शामिल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमारे नीति निर्माताओं ने नीतियां बनाने के समय विशेषज्ञों को बाहर निकाल दिया था।
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात थी।
उन्होंने कहा कि भाषाएं, शिक्षा विभाग और खेल विभाग में बेहतर परिणामों के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई जा रही है।
मंत्री ने मातृभाषा के महत्व पर कहा कि चीन, जापान जैसे मुल्कों ने अपनी स्थानीय भाषा के बल-बूते ही तरक्की की है।
उन्होंने कहा कि बच्चा जो अपनी मातृभाषा में सीख हासिल कर सकता है, वह अन्य किसी भाषा में नहीं।
उन्होंने कहा कि पंजाब में 23 जि़ला भाषा अधिकारियों में से 21 पद खाली थे, जो अब डैपूटेशन पर भरे गए हैं।