चंडीगढ़ 30 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में उपाधिकर्ताओं का आहवान किया कि आप उपाधि ग्रहण करने के बाद देश व समाज के समग्र विकास के लिए कार्य करें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा से अर्जित ज्ञान व कौशलता का उपयोग न केवल नौकरी पाने के लिए बल्कि नौकरी देने के लिए करें। आप नौकरी पाने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें।
दत्तात्रेय ने आज इस दीक्षांत समारोह में करीब 270 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। इसमें 16 विभागों के 2018 तथा 2019 बैच के छात्र सम्मिलित हैं।
समारोह में 17 छात्रों को स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए।
उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। गुरुग्राम विवि के पहले दीक्षांत समारोह का विधिवत शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
दत्तात्रेय ने कहा कि देश की युवा शक्ति का उत्साह देखकर प्रसन्नता का अनुभव हुआ है। वास्तव में शिक्षा मात्र रोजगार प्राप्त करने का माध्यम नहीं है अपितु अपने ज्ञान से मनुष्यता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला साधन है।
उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से विश्वस्त हैं कि आप सभी गुरुग्राम विश्वविद्यालय के शिक्षकों से मिले ज्ञान और प्रेरणा के सामर्थ्य से मानव सभ्यता के कल्याण के व्यापक उद्देश्य को प्राप्त करेंगे ।
उन्होंने कहा कि शिक्षा पूर्ण करने के बाद आपको उद्यमिता के क्षेत्र में उतरना होगा। सरकार आपके साथ है। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपने स्टार्ट-अप स्थापित कर सकते हैं। सरकार इसके लिए उसे 5 करोड़ रूपये का बहुत कम ब्याज सरलता से उपलब्ध करवाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर स्टार्ट-अप के क्षेत्र में आगे बढ़ें तो आप निश्चित रूप से नौकरी देने वाले बनेंगे।
दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय प्रशासन को सलाह दी कि महिलाओं में कौशलता प्राप्त करने की प्रतिभा पुरूषों से ज्यादा है इसलिए महिलाओं को विभिन्न कोर्सों, डिग्रियों व कार्यक्रमों में दाखिला देकर अधिक से अधिक कुशल बनाना है। केवल मात्र कौशलता से ही देश से ही बेरोजगारी की समस्या को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों को स्किल्ड और रिस्किल्ड की प्रणाली पर काम करना होगा।
उन्होंने उपाधिकर्ताओं को बेहतर नागरिक बनकर समाज में योगदान देने को कहा। जीवन में विद्या प्राप्ति के साथ ज्ञान वृद्धि के लिये निरन्तर उड़ान भरते रहना चाहिए। हमेशा अपने व्यवहार में नैतिकता बनाए रखें। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ सूचनाएं और जानकारी प्रदान करना ही नहीं है बल्कि व्यक्ति में विवेक व नैतिकता का विकास करना है।
राज्यपाल ने शिक्षकों से अपील की कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी प्रतिबद्धता और जवाबदेही के साथ लागू करें, जिससे शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा और एक नए युग की शुरुआत होगी।