दिल्ली, 9 अगस्त। कोरोना काल में सरकार के साथ-साथ कॉर्पोरेट जगत भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा रहें हैं।
औद्योगिक घरानों और अन्य समाजसेवियों द्वारा सीएसआर धनराशि के तहत की जाने वाली मदद का महत्व कोरोना काल में बहुत अधिक बढ़ गया है और सीएसआर फंड इस भागीदारी को सुनिश्चित करने मे और भी अधिक सहायक सिद्ध हुई है।
इसी को देखते हुए सीएसआर रिसर्च फाउंडेशन ने भारत विकास परिषद के साथ मिलकर कोरोना काल के दौर में सीएसआर का महत्व और भूमिका को लेकर एक बैठक हुई जिसमें सीएसआर द्वारा स्थानीय हेल्थकेयर इको सिस्टम, आपदा तैयारी और प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला और सूची प्रबंधन प्रणाली एवं वित्तीय समावेशन और सभी हितधारकों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया।
इस कार्यक्रम में सरकार, प्रशासन, मीडिया, समाजसेवी, कॉर्पोरेट जगत आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सीएसआर के महत्व और इसकी भूमिका पर अपने विचार रखे।
सीएसआर रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक दीन दयाल अग्रवाल ने कहा कि कॉर्पोरेट द्वारा कोरोना काल में किये गये अथक प्रयासों से सब लाभवंवित हुए है और इस तरह के एक दिवसीय कार्यक्रम से कॉर्पोरेट जगत को अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने के लिए नई ऊर्जा मिलती है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार समाज के हर वर्ग तक सहायता पहुँचाने का हरसंभव प्रयास कर रही हैं जिसमे सीएसआर की अहम भूमिका है।
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि देश के अनेक प्राइवेट कंपनियों ने इस महामारी के दौरान अपना कर्तव्य निभाया और अपने सीएसआर फंड के द्वारा विभिन्न सेवा कार्यों में पूरी मदद दी।