चंडीगढ़, 7 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू साइन कर नए शोध व अनुसंधान कार्यों से छात्रों को अवगत करवाएं तथा यह भी सुनिश्चित करें कि शोध कार्यों का प्रयोग मानव व समाज कल्याण के लिए हो।
दत्तात्रेय डा. बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत में आयोजित डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन शैक्षणिक भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का यह एकमात्र विधि विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भरता वाली सोच को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से प्रयासरत है। लगभग 30 करोड़ की लागत से बना यह भवन सभी सुविधाओं से सुसज्जित है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर होना गर्व की बात है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। गरीब स्थिति में होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और अपनी मेहनत और लगन से अनुसंधान के कई विषयों में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। यह हमारा दायित्व है कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डॉ बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाएगा।
उन्होंने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि आज शिक्षा में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा दें जिससे छात्र भविष्य के अच्छे नागरिक बन सकते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री के नारे ‘‘स्किल इण्डिया’’ को बढ़ावा देने की बात भी कही।
शिक्षा में शोध की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर उच्च स्तर के शोध करने के लिए छात्रों को तैयार करना चाहिए जिससे शिक्षकों की भी गुणवत्ता में सुधार आयेगा।