चंडीगढ़, 18 जून। बीजेपी के निशाने पर अमरिंदर सरकार आ गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब की कांग्रेसी सरकार की घेराबंदी करते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह सरकार ने प्रशासन व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कीमत पर पार्टी असंतुष्टों से लड़ने के लिए सारी ऊर्जा लगा दी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के लकवाग्रस्त कामकाज और वरिष्ठ नौकरशाहों में विश्वास की कमी साफ नजर आती है।
चुघ ने कहा कि पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी कलह के कारण राज्य के विकास और कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई के मामले में भारी कीमत चुकाई है।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि “हर दूसरे दिन कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया जा रहा है, जबकि सभी कैबिनेट मंत्री अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी मंत्री अंदरुनी लड़ाई के चलते पिछले कई हफ्तों से अपने मंत्रालय में नहीं जा रहे है, जिसके कारण शासन प्रशासन ठप कर ओहदे मुंह गिर रहा है।
भाजपा नेता ने कहा कि अफसरों व कैबिनेट सहयोगियों के बीच चल रही लड़ाई जगजाहिर है। इससे पहले भी एक पूर्व मुख्य सचिव को कैबिनेट बैठक में शराब माफिया के कामकाज का विरोध करने पर अपमानित किया गया था।
उन्होंने कहा कि अब “ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार का बायां हाथ काम नहीं करता और जो दाहिना हाथ काम कर रहा है। उसने पंजाब के सभी वर्गों के लोगो को धोखा दिया है। सरकार कि गलत नीतियों के कारण पंजाब कि जनता को पीड़ा सहन करनी पड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी लंबे समय से राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमले कर रही है। अकाली दल से बरसों पुराना गठबंधन टूटने के बाद वह फिलहाल एकला चलो की राजनीति कर रही है।
हालांकि सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज चल रही है कि बीजेपी भी चुनाव से पहले किसी मजबूत सियासी पार्टनर की तलाश में है। बीजेपी का सामना सत्ताढ़ कांग्रेस के साथ-साथ पुरानी सहयोगी बीजेपी, बीएसपी तथा मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी से है।