चंडीगढ़, 20 अगस्त। हरियाणा में 2 करोड़ से ज्यादा का परिवार पहचान पत्र family identity card के तहत पंजीकरण हो गया है।
इन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाकर साइन के साथ सहमति दे दी है।
यह जानकारी सीएम मनोहरलाल ने विधानसभा के मानसून सत्र में एक प्रश्न के जवाब में दी।
उन्होंने बताया कि 18 अगस्त तक 54 लाख 73 हजार 599 परिवारों के 2 करोड़ 20 लाख 48 हजार 121 व्यक्तियों के पंजीकरण हो गए हैं।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में दी।
family identity card का यह है उद्देश्य
सीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों का आर्थिक उत्थान करना है।
उन्होंने बताया कि family identity card के सर्वे में अब तक 50000 रुपये तक वार्षिक आय वाले 30000 परिवारों की पहचान हुई है।
जबकि 1 लाख रुपये तक वार्षिक आय घोषित करने वाले परिवार चिन्हित किये गए हैं।
इनकी आमदनी के स्रोत बढाने के लिए छह विभागों की टीम परिवारों से सम्पर्क कर योजना बना रही हैं।
family identity card पर अबतक यह भी हुआ काम
18 अगस्त तक 29 लाख 84 हजार 533 व्यक्तियों वाले 9 लाख 20 हजार 569 परिवारों ने पंजीकरण और परिवार पहचान पत्र में डाटा अपडेट किया लेकिन, उनकी सहमति बाकी है।
उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में आय का डाटा परिवार द्वारा अपने सदस्यों की संख्या के साथ स्वत: घोषित की गई जानकारी के आधार पर एकत्रित किया गया है।
डाटा के सत्यापन की प्रक्रिया अभी जारी
विधायक नीरज शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि आय डाटा के लिए सत्यापन प्रक्रिया में चल रही है।
18 अगस्त तक पीपीपी में 54,73,599 परिवारों द्वारा अपने परिवार के 2,20,48,121 व्यक्तियों की आय स्व-घोषित की है।
इन लोगों की कुल आय 1,35,724 करोड़ रुपये है।
गणितीय फार्मूले से गणना करे तो प्रति व्यक्ति आय और प्रति परिवार आय क्रमश: 61,558 रुपए और 2,47,962 रुपए है।
सीएम ने बताया कि डिजिटल आय सत्यापन के लिए एक प्रक्रिया यह भी है कि व्यक्तिगत डाटा को अन्य डाटाबेस के साथ भी सत्यापित किया जाता है।
सीएम ने कहा कि भौतिक क्षेत्र के सत्यापन एक सोफटवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से किया जा रहा है।
डाटाबेस सभी सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, सेवाओं और लाभों के वितरण के लिए मेटाडाटा का काम करता है।
डाटा पूरी तरह सुरक्षित
डाटा का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाता है।
यह किसी निजी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाता है।
डाटाबेस में डाटा सरकारी कलाउड पर सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जाता है।
पोर्टल केवल अधिकृत उपयोगकर्ता के आधार पर कार्य करता है।
इस पर संग्रहीत डाटा तक किसी को खुली पहुंच प्रदान नहीं की गई है।
पोर्टल की निगरानी CRID की ओर से NIC करती है।
राष्ट्रीय स्तर पर NIC के तयशुदा सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
डाटा को नुकसान से बचाने, दुरुपयोग या परिवर्तन से बचाने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए गए है।