पंजाब में कांग्रेस व विपक्ष के बीच छिड़ा विवाद
कांग्रेसी विधायकों के परिवारों के बलिदानों स्वरूप पुत्रों को नौकरियां दीं – मुख्यमंत्री
सरकार में असंतोष को थामने के लिए दी गई नौकरियां-बीजेपी
चंडीगढ़, 19 जून। पंजाब में विधायकों परिवारों को नौकरी पर राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी में जुट गया है।
दूसरी ओर इस मुद्दे पर शोर उठा तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बचाव तथा सफाई देने की मुद्रा में नजर आ रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि दो विधायकों के पुत्रों को नौकरियां देने का कदम उनके बुज़ुर्गों (दादा) द्वारा बलिदानों की मान्यता के तौर पर उठाया गया है।
मुख्यमंत्री, फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के आवास के बाहर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो भी अपने मुल्क के लिए बलिदान देता है, उसे कभी भी भुलाया नहीं जाना चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने फैसले के बचाव में कहा कि उनके (विधायकों) परिवार इस घाटे की भरपाई किए जाने के हकदार हैं।
इस कदम पर अकाली दल (बादल) व आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ये पार्टियां भी ऐसे किसी नौजवानों, जिनके पिता या दादा ने मुल्क के लिए ऐसा बलिदान दिया हो, तो उनको भी सरकारी नौकरियां मुहैया करवाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि दरअसल, उन्होंने तो इन पार्टियों में से ऐसे कुछ व्यक्ति ढूँढने की कोशिश भी की परन्तु कोई भी नहीं मिला।
अमरिंदर सिंह, विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर (ग्रुप बी) के तौर पर और लुधियाना से विधायक राकेश पांडे के बेटे को नायब तहसीलदार के तौर पर सरकारी नौकरियां देने पर उठे विवाद का जवाब दे रहे थे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह स्पष्ट किया कि ऐसे बलिदान देने वाले परिवार से आने वाले किसी भी व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब ने आतंकवाद का काला दौर झेला है जिसमें घटी भयानक हिंसा में 35000 बेकसूर लोगों की जान चली गई।
उन्होंने ज़िक्र करते हुए कहा कि लगभग 1700 पुलिस जवान भी मारे गए और इन लोगों को उनके स्मारकों पर जाकर श्रद्धाँजलि देना ही काफी नहीं है बल्कि राज्य को इन परिवारों को हुए नुकसान की पूर्ति के लिए और भी बहुत कुछ किये जाने की ज़रूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि देश के लिए ख़ून बहाने वाले लोगों को पंजाब सलाम करता है और उनकी सरकार राज्य की अमन-शान्ति और सद्भावना के लिए अपना योगदान देने वालों को मान्यता देना जारी रखेगी।
बीजेपी ने तेज किए हमले
दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कांग्रेसी विधायकों के परिजनों को इसलिए नौकरियां दे रहे हैं ताकि पार्टी व कांग्रेस सरकार में फैले असंतोष को रोक सकें।
चुघ ने एक बयान में कहा कि आतंकवाद के 35 साल बाद कांग्रेस विधायकों के परिजनों को आतंकवाद के नाम पर नौकरी देना बेहद अनैतिक है, जबकि लाखों योग्य, मेहनतकश व अनुभवी युवा पंजाबियों को नौकरी की तलाश है।
उन्होंने कहा कि अमरेन्द्र सिंह चुनावी घोषणा पत्र में किए अपने इस वादे को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं कि वह राज्य के 60 हजार परिवारों को नौकरी देंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार वास्तव में आतंकवाद प्रभावित परिवारों की मदद करने के लिए गंभीर है तो उन 35,000 परिवारों को नौकरी देनी चाहिए, जिन्होंने खूनी आतंकवाद के दौरान अपने परिजनों और रिश्तेदारों को खो दिया।