चंडीगढ़, 16 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को पुराणों को पाठयक्रमों में शामिल करना चाहिए। इससे समाज में नैतिक मूल्यों का उत्थान होगा। इन नैतिक मूल्यों से ही युवा पीढ़ी का विकास होगा।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय कुरुक्षेत्र के पवित्र सन्निहित सरोवर पर आयोजित वामन द्वादशी मेले के उदघाटन सत्र में केडीबी और शहर की धार्मिक संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इससे पहले राज्यपाल ने मंत्रौच्चारण के बीच सन्निहित सरोवर के पावन तट पर तीर्थ पूजा की और भगवान वामन के हिंडौले की पूजा अर्चना करके परम्परा अनुसार हवन यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली।
इस दौरान शहर की लगभग सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का सम्मान किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वामन द्वादशी उत्सव में उपस्थित होकर स्वयं को पुण्य का भागीदार मान रहा हूं। मेले के आयोजन व इस पवित्र पर्व पर मैं पूरे प्रदेशवासियों के साथ-साथ आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूं और प्रदेश के सभी लोगों की सुख शांति, समृद्घि व अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
उन्होंने कहा कि विगत दो दशकों से भी अधिक समय से किन्ही कारणों से कुरुक्षेत्र की पौराणिक पहचान को समर्पित इस पर्व का आयोजन बंद हो गया था। अभी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इस मेले को पुनर्जीवित किया गया है।
थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि 1997 के बाद सन्निहित सरोवर पर शहर की सभी संस्थाओं के सहयोग से वामन द्वादशी मेले का शुभारम्भ हुआ है। इससे प्राचीन संस्कृति और संस्कारों को सहेजने की तरफ एक कदम आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने सभी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी संस्थाए प्राचीन संस्कृति को बचाने में प्रशासन और सरकार का सहयोग करेंगी।
सांसद नायब सिंह सैनी ने मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वामन द्वादशी मेले को 25 सालों के बाद शुरु करके समाज सेवी संस्थाओं ने एक उल्लेखनीय कार्य किया है। इससे कुरुक्षेत्र का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाएंगा और यह मेला भी पूरे विश्व में जाना जाएगा।